नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद एबीवीपी और एनएसयूआई की तरफ से बयान जारी हुआ है. इन परिणामों का सम्मान करते हुए एबीवीपी की तरफ से कहा गया है कि हम जनादेश का सम्मान करते हैं. नवनिर्वाचित छात्रसंघ के सभी प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं. नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों से आशा है कि वे छात्रहित के लिए कार्य करेंगे.
एबीवीपी के जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा है कि इस बार के छात्रसंघ चुनाव में निश्चित रूप से विद्यार्थी परिषद का वोट बढ़ा है. हम जेएनयू के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में उभरे हैं. जेएनयू के छात्रों का विश्वास लगातार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर बढ़ा है. हमारे सालभर के आंदोलनों और कार्यक्रमों से छात्रों ने हम पर अपना विश्वास जताया है और आने वाले समय में निश्चित रूप से इस कैंपस से वामपंथ का सफाया होने वाला है.
वोट प्रतिशत बढ़ने पर जताई खुशी
इधर, एनएसयूआई ने भी अपना वोट प्रतिशत बढ़ने पर खुशी जताई है. एनएसयूआई की तरफ से कहा गया है कि जेएनयू में हमारा वोट 11 सौ प्रतिशत के हिसाब से बढ़ा है. 2017 में हमारा जो वोट प्रतिशत 70 था, वो 2019 में बढ़कर 800 हो गया है. जेएनयू के विभिन्न स्कूलों में काउंसलर्स के 6 पदों पर बाजी मारने को लेकर भी एनएसयूआई ने अपनी पीठ थपथपाई है.
एनएसयूआई ने लगाए आरोप
लेफ्ट यूनिटी पर निशाना साधते हुए एनएसयूआई की तरफ से कहा गया है कि एक तरफ एनएसयूआई अपने बल बूते धीरे-धीरे कैम्पस के अंदर पांव जमा रही है, वहीं लेफ्ट के संगठनों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए एक साथ मिलकर लड़ना पड़ रहा है. लेफ्ट पर एनएसयूआई ने ये आरोप भी लगाया है कि उन्हें उनकी विचारधारा से जुड़े प्रोफेसर्स का भी साथ मिला. वहीं, एबीवीपी को लेकर एनएसयूआई ने कहा है कि कैम्पस में उनके लिए स्थितियां सामान्य रहीं, वीसी से लेकर विभिन्न स्कूलों के डीन तक ने उनके लिए कैम्पेन किया.