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अधर में लटका 39 बच्चों का भविष्य! परीक्षा के बाद भी नहीं मिल रहा 10वीं का रिजल्ट - 10th cbse exam 2020 result

मामला 10वीं सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा परिणाम से जुड़ा है. सत्य एन्क्लेव के जागृति पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 39 बच्चों ने अपना 10वीं सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट वेबसाइट पर चेक किया तो नो रिकॉर्ड फाउंड बताया जा रहा है. वहीं डीजी लॉकर पर रिजल्ट दिखाई दे रहा है.

fake 10th cbse exam 2020 result
10वीं का रिजल्ट
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Published : Sep 16, 2020, 9:44 AM IST

Updated : Sep 16, 2020, 10:43 AM IST

नई दिल्ली: किराड़ी विधानसभा के सत्या एन्क्लेव में एक स्कूल के 39 बच्चों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. मामला 10वीं सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा परिणाम से जुड़ा है. स्कूल में पढ़ने वाले 39 बच्चों ने अपना 10वीं सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट वेबसाइट पर चेक किया तो नो रिकॉर्ड फाउंड बताया जा रहा है. वहीं डीजी लॉकर पर रिजल्ट दिखाई दे रहा है.

बच्चों और अभिभावकों का प्रदर्शन

सीबीएसई की वेबसाइट पर रिजल्ट की मांग

सत्या एन्क्लेव इलाके के जागृति पब्लिक स्कूल के 39 छात्रों का 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम सीबीएसई की अधिकारिक वेबसाइट पर नहीं दिखा रहा है. जबकि रिजल्ट घोषित हुए काफी समय बीत गया है. इस बात से परेशान अभिभावक और बच्चों ने स्कूल पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. पेरेंट्स ने परेशान होकर जागृति पब्लिक स्कूल के सामने प्रदर्शन कर सीबीएसई बोर्ड से अपने बच्चों का ऑनलाइन रिजल्ट शो कराने की मांग की है.

स्कूल से हैंडराइटिंग में दिया गया था एडमिट कार्ड

वहीं 39 बच्चों में से एक छात्र का कहना है कि जिस दिन उनका पेपर था. उसी दिन उन लोगों को सुबह हैंडराइटिंग में एडमिट कार्ड दिया गया था. सभी बच्चों के एडमिट कार्ड पर रेगुलर कैंडिडेट की बजाय प्राइवेट कैंडिडेट लिखा था.

छात्र का कहना है कि 10वीं सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट 15 जुलाई 2020 आया था. हम सभी बच्चों ने अपना रिजल्ट ऑनलाइन चेक किया, तो नो रिकॉर्ड फाउंड दिखा रहा था. बच्चों ने अपने रोल नंबर की भी जानकारी दी है. सभी बच्चों के रोल नंबर 14272702 से 14272740 है.

छात्र का सवाल है कि कुल 39 बच्चों ने जागृति पब्लिक स्कूल में रेगुलर पढ़ाई की और हर महीने फीस भी दी. कोई बकाया नहीं है, फिर जागृति पब्लिक स्कूल ने हम बच्चों को धोखा दिया, हमारा रिजल्ट ऑनलाइन क्यों नहीं आ रहा.

इन्हीं बच्चों में एक छात्र के अभिभावक विमला देवी का कहना है कि जब बच्चे रेगुलर पढ़ाई कर रहे हैं, तो स्कूल ने हमारे बच्चों को 10वीं एग्जाम के लिए प्राइवेट कैंडिडेट घोषित क्यों किया.

प्रिंसिपल ने सीबीएसई बोर्ड को ठहराया जिम्मेदार

स्कूल के प्रिंसिपल वीके गांधी ने गलती का ठीकरा सीबीएसई पर फोड़ते हुए कहा कि बच्चों का रिजल्ट सीबीएसई की वेबसाइट पर 15 दिन में या फिर एक महीने में आए, हो सकता है ना भी आए. प्रिंसिपल का कहना है कि अगर इन बच्चों का रिजल्ट सीबीएसई की वेबसाइट पर नहीं है, तो इसमें स्कूल की नहीं सीबीएसई बोर्ड की गलती है.

प्रिंसिपल वीके गांधी ने कहा कि साथ ही उन्होंने बताया कि जागृति पब्लिक स्कूल का ईसापुर के K.R.D इंटरनेशनल स्कूल से टाईअप है. उनका कहना है कि इन 39 बच्चों ने दसवीं सीबीएसई बोर्ड से पास की है. स्कूल की वेबसाइट पर बच्चों का रिजल्ट साफ नजर आ रहा है.

नई दिल्ली: किराड़ी विधानसभा के सत्या एन्क्लेव में एक स्कूल के 39 बच्चों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. मामला 10वीं सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा परिणाम से जुड़ा है. स्कूल में पढ़ने वाले 39 बच्चों ने अपना 10वीं सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट वेबसाइट पर चेक किया तो नो रिकॉर्ड फाउंड बताया जा रहा है. वहीं डीजी लॉकर पर रिजल्ट दिखाई दे रहा है.

बच्चों और अभिभावकों का प्रदर्शन

सीबीएसई की वेबसाइट पर रिजल्ट की मांग

सत्या एन्क्लेव इलाके के जागृति पब्लिक स्कूल के 39 छात्रों का 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम सीबीएसई की अधिकारिक वेबसाइट पर नहीं दिखा रहा है. जबकि रिजल्ट घोषित हुए काफी समय बीत गया है. इस बात से परेशान अभिभावक और बच्चों ने स्कूल पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. पेरेंट्स ने परेशान होकर जागृति पब्लिक स्कूल के सामने प्रदर्शन कर सीबीएसई बोर्ड से अपने बच्चों का ऑनलाइन रिजल्ट शो कराने की मांग की है.

स्कूल से हैंडराइटिंग में दिया गया था एडमिट कार्ड

वहीं 39 बच्चों में से एक छात्र का कहना है कि जिस दिन उनका पेपर था. उसी दिन उन लोगों को सुबह हैंडराइटिंग में एडमिट कार्ड दिया गया था. सभी बच्चों के एडमिट कार्ड पर रेगुलर कैंडिडेट की बजाय प्राइवेट कैंडिडेट लिखा था.

छात्र का कहना है कि 10वीं सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट 15 जुलाई 2020 आया था. हम सभी बच्चों ने अपना रिजल्ट ऑनलाइन चेक किया, तो नो रिकॉर्ड फाउंड दिखा रहा था. बच्चों ने अपने रोल नंबर की भी जानकारी दी है. सभी बच्चों के रोल नंबर 14272702 से 14272740 है.

छात्र का सवाल है कि कुल 39 बच्चों ने जागृति पब्लिक स्कूल में रेगुलर पढ़ाई की और हर महीने फीस भी दी. कोई बकाया नहीं है, फिर जागृति पब्लिक स्कूल ने हम बच्चों को धोखा दिया, हमारा रिजल्ट ऑनलाइन क्यों नहीं आ रहा.

इन्हीं बच्चों में एक छात्र के अभिभावक विमला देवी का कहना है कि जब बच्चे रेगुलर पढ़ाई कर रहे हैं, तो स्कूल ने हमारे बच्चों को 10वीं एग्जाम के लिए प्राइवेट कैंडिडेट घोषित क्यों किया.

प्रिंसिपल ने सीबीएसई बोर्ड को ठहराया जिम्मेदार

स्कूल के प्रिंसिपल वीके गांधी ने गलती का ठीकरा सीबीएसई पर फोड़ते हुए कहा कि बच्चों का रिजल्ट सीबीएसई की वेबसाइट पर 15 दिन में या फिर एक महीने में आए, हो सकता है ना भी आए. प्रिंसिपल का कहना है कि अगर इन बच्चों का रिजल्ट सीबीएसई की वेबसाइट पर नहीं है, तो इसमें स्कूल की नहीं सीबीएसई बोर्ड की गलती है.

प्रिंसिपल वीके गांधी ने कहा कि साथ ही उन्होंने बताया कि जागृति पब्लिक स्कूल का ईसापुर के K.R.D इंटरनेशनल स्कूल से टाईअप है. उनका कहना है कि इन 39 बच्चों ने दसवीं सीबीएसई बोर्ड से पास की है. स्कूल की वेबसाइट पर बच्चों का रिजल्ट साफ नजर आ रहा है.

Last Updated : Sep 16, 2020, 10:43 AM IST
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