नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी महिला कॉलेज में 28 मार्च को फेस्ट के दौरान छात्राओं के साथ हुई बदसलूकी और छेड़छाड़ का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. क्रांतिकारी युवा संगठन आइसा की छात्र-छात्राएं लगातार आईपी कॉलेज और आर्ट्स फैकेल्टी पर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में फेस्ट के दौरान असामाजिक तत्वों और बाहरी छात्रों की एंट्री को रोकने में कॉलेज और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहे हैं. इस कारण असामाजिक तत्व के छात्रों ने कॉलेज में घुसकर फेस्ट में महिला छात्राओं के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ की.
इसी कड़ी में आज गुरुवार को भी आर्ट्स फैकेल्टी गेट पर आईसा से जुड़े सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं आईपी कॉलेज की प्रिंसिपल पूनम कुमारी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. छात्रों का कहना है कि पुलिस प्रशासन कॉलेज की प्रिंसिपल के साथ मिलकर न्याय की मांग करने वाले छात्रों पर ही कार्रवाई कर रही है. इसी का नतीजा है कि पुलिस दोषियों की जगह प्रदर्शनकारी छात्रों पर ही कार्रवाई कर रही है. इनका आरोप है कि पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई करने की जगह प्रदर्शनकारी छात्राओं को ही हिरासत में लेकर दूसरे थानों में बैठाए रख रहे हैं.
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दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकेल्टी गेट पर आज भी करीब 300 की संख्या में प्रदर्शन करने आए छात्र छात्राओं ने शांतिपूर्ण मार्च करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल पूनम कुमारी के इस्तीफे की मांग की. छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन जबतक सख्त कार्रवाई नहीं करेगी, महिला कॉलेजों में फेस्ट के दौरान इस तरह की घटनाएं होती रहेगी. यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसके विरोध में छात्र संगठन से जुड़े छात्र छात्राएं प्रदर्शन कर रहे हैं.