ETV Bharat / state

11 लाख राशन कार्ड 2014 से विचाराधीन, जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा सरकारी योजना का लाभ

author img

By

Published : Aug 27, 2021, 12:37 PM IST

दिल्ली में साल 2013-14 से अभी तक 11 लाख राशन कार्ड के आवेदन विचाराधीन हैं. दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई लोगों ने शिकायत की और पत्राचार करके जानकारियां भी जुटाने की कोशिश की लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं.

11-lakh-ration-cards-under-consideration-since-2014-in-delhi
11 लाख राशन कार्ड 2014 से विचाराधीन

नई दिल्ली: राजधानी में साल 2013-14 से अभी तक 11 लाख राशन कार्ड के आवेदन विचाराधीन हैं. दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई लोगों ने शिकायत की और पत्राचार करके जानकारियां भी जुटाने की कोशिश की लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं.

11 लाख राशन कार्ड 2014 से विचाराधीन

राजधानी दिल्ली में जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 2011 के जनगणना के बाद से नियम आबादी तो बढ़ी लेकिन नियम जस के तस हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. दिल्ली में भारत के हर राज्य से लोग रोजगार के लिए आते हैं. कई गरीब लोग ऐसे हैं, जिनको राशन कार्ड की जरूरत है. जिससे उनका कम से कम राशन का खर्चा तो सरकारी योजनाओं से निकल सके लेकिन बावजूद इसके सरकार है कि अपने नियमों में बदलाव नहीं कर रही है.

सोनू सूद होंगे 'देश के मेंटर्स' प्रोग्राम के ब्रांड एम्बेसडर, दिल्ली सरकार जल्द करेगी लॉन्च

दरअसल केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बीच हो रही राजनीति का खामियाजा सीधे तौर पर आम जनता को भुगतना पड़ता है. क्योंकि 72 हजार से ज्यादा राशन कार्ड बनने के नियम की फेरबदल में केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है और दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के बाद तक नहीं करना चाह रही है.

यही वजह है कि कई बार पत्राचार के बाद भी अब तक 11 लाख से ज्यादा राशन कार्ड विचाराधीन पड़े हुए हैं लेकिन इस पर जब समाजसेवी हरपाल राणा के द्वारा जानकारी जुटाई गई तो यह साफ हुआ कि 2014 के बाद के कई ऐसे आवेदन है जिनको पास किया गया है और उनके राशन कार्ड भी बनाई है या नहीं सीधे तौर पर भ्रष्टाचार नजर आ रहा है क्योंकि भ्रष्टाचार की वजह से ही पुराने राशन कार्ड अब तक विचाराधीन है और नए राशन कार्ड जो भ्रष्टाचार के चलते बन रहे हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है

नई दिल्ली: राजधानी में साल 2013-14 से अभी तक 11 लाख राशन कार्ड के आवेदन विचाराधीन हैं. दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई लोगों ने शिकायत की और पत्राचार करके जानकारियां भी जुटाने की कोशिश की लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं.

11 लाख राशन कार्ड 2014 से विचाराधीन

राजधानी दिल्ली में जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 2011 के जनगणना के बाद से नियम आबादी तो बढ़ी लेकिन नियम जस के तस हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. दिल्ली में भारत के हर राज्य से लोग रोजगार के लिए आते हैं. कई गरीब लोग ऐसे हैं, जिनको राशन कार्ड की जरूरत है. जिससे उनका कम से कम राशन का खर्चा तो सरकारी योजनाओं से निकल सके लेकिन बावजूद इसके सरकार है कि अपने नियमों में बदलाव नहीं कर रही है.

सोनू सूद होंगे 'देश के मेंटर्स' प्रोग्राम के ब्रांड एम्बेसडर, दिल्ली सरकार जल्द करेगी लॉन्च

दरअसल केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बीच हो रही राजनीति का खामियाजा सीधे तौर पर आम जनता को भुगतना पड़ता है. क्योंकि 72 हजार से ज्यादा राशन कार्ड बनने के नियम की फेरबदल में केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है और दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के बाद तक नहीं करना चाह रही है.

यही वजह है कि कई बार पत्राचार के बाद भी अब तक 11 लाख से ज्यादा राशन कार्ड विचाराधीन पड़े हुए हैं लेकिन इस पर जब समाजसेवी हरपाल राणा के द्वारा जानकारी जुटाई गई तो यह साफ हुआ कि 2014 के बाद के कई ऐसे आवेदन है जिनको पास किया गया है और उनके राशन कार्ड भी बनाई है या नहीं सीधे तौर पर भ्रष्टाचार नजर आ रहा है क्योंकि भ्रष्टाचार की वजह से ही पुराने राशन कार्ड अब तक विचाराधीन है और नए राशन कार्ड जो भ्रष्टाचार के चलते बन रहे हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.