नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के अग्निवीरों के लिए शुरू किए गए स्नातक कोर्स में सेना के जवानों ने दाखिला लेना शुरू कर दिया है. इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने बताया कि जुलाई में हमने अग्निवीरों के लिए तीन वर्षीय स्नातक कोर्स की शुरुआत की थी तब से एक सितंबर तक वायु सेना के 1024 अग्निवीर फीस जमा करके दाखिला ले चुके हैं. हालांकि, अभी तक थल सेना या नौसेना से किसी अग्निवीर ने अभी दाखिला नहीं लिया है.
प्रो. राव ने बताया कि यह अग्निवीरों का पहला बैच होगा. यह कोर्स अग्निवीरों को नौकरी पूरी होने के बाद आगे के करियर में मदद करेगा. अग्निवीर अपनी चार साल की नौकरी के दौरान ही तीन साल का स्नातक कोर्स पूरा कर सकेंगे. इग्नू कुलपति ने बताया कि केंद्र सरकार ने जब अग्निवीर योजना लॉन्च की थी, उसी समय इग्नू से अग्निवीरों के लिए एक कोर्स तैयार करने के लिए कहा था. इसके बाद इग्नू ने सरकार की पहल पर कोर्स तैयार करने का काम शुरू किया और तीन साल का स्नातक कोर्स अग्निवीरों के लिए डिजाइन कर दिया.
50 प्रतिशत सैन्य प्रशिक्षण के आधार पर होगा असेसमेंटः इस कोर्स में अग्निवीरों को 50 प्रतिशत अंक इग्नू द्वारा अकादमिक गतिविधियों के लिए और 50 प्रतिशत अंक सेना द्वारा अग्निवीरों को मिलने वाले प्रशिक्षण और उनकी अन्य दक्षताओं के आधार पर दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अग्निवीर देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित इग्नू के एक हजार परीक्षा केंद्रों में से कहीं भी अपने नजदीकी परीक्षा केंद्र पर अपनी सुविधानुसार ऑफलाइन परीक्षा दे सकेंगे. फिर उनके प्रदर्शन के आधार पर नौकरी पूरी होने तक इग्नू की ओर से डिग्री दे दी जाएगी.
इग्नू कुलपति ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लगभग सभी कोर्स को रोजगार परक बनाया जा रहा है, जिससे पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों का कौशल विकास भी हो सके. अग्निवीरों के लिए यह कोर्स शुरू होने से उनको इस बात की चिंता नहीं रहेगी कि वह 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं या उनको आगे की पढ़ाई करने में चार साल का गैप हो जाएगा. उनकी पढ़ाई और नौकरी साथ-साथ चलती रहेगी. पढ़ाई पूरी होने के बाद वे जब चाहे तब आकर इग्नू से अपनी डिग्री प्राप्त कर सकेंगे या बिना आए भी उनको ऑनलाइन माध्यम से डिग्री उपलब्ध करा दी जाएगी.