नई दिल्लीः कोरोना महामारी के दौरान सभी विश्वविद्यालय बंद हैं. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई जारी है. वहीं कई छात्र ऐसे है जो किसी न किसी कारण से ऑनलाइन क्लास नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे छात्रों की मदद के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज की युवा सोसायटी आगे आई है.
बता दें कि युवा सोसायटी द्वारा शुरू की गई मुहिम 'युवा-उत्थान' के तहत कोरोना काल में जरूरतमंद छात्रों को स्पीड पोस्ट के जरिए पाठ्य सामग्री पहुंचाई गई. वहीं इसको लेकर राजधानी कॉलेज की युवा सोसायटी के संयोजक प्रोफेसर आनंद प्रकाश ने कहा कि गूगल फॉर्म के जरिए जरूरतमंद छात्रों की पहचान कर उन तक उनकी जरूरत की पाठ्य सामग्री पहुंचाई गई.
कोरोना काल में तकनीकी असामनता से जूझ रहे हैं छात्र
इन दिनों जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है वहीं भारत के छात्र तकनीकी असमानता से जूझ रहे हैं. भारत के कई राज्यों में अभी भी इंटरनेट कनेक्टिविटी इतनी आधुनिक नहीं है कि सभी छात्र उसका लाभ ले सकें. ऐसे में कई छात्र ऑनलाइन क्लास नहीं ले पा रहे हैं तो कहीं भाई बहनों के बीच एक ही स्मार्टफोन से कोर्स पूरा करने की जद्दोजहद चल रही है.
'उत्थान' के तहत छात्रों तक पहुंचाई गई पाठ्य सामग्री
ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज की युवा सोसायटी ने कॉलेज के छात्रों को बड़ी राहत दी है. इस सोसायटी ने जरूरतमंद छात्रों तक स्पीड पोस्ट के जरिए पाठ्य सामग्री पहुंचाई है. वहीं इस मुहिम को लेकर राजधानी कॉलेज के युवा सोसायटी के संयोजक प्रोफेसर आनंद प्रकाश ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में दिल्ली ही नहीं देश के अलग अलग राज्यों के छात्र पढ़ने के लिए आते हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कॉलेज बंद होने की वजह से छात्र लाइब्रेरी पुस्तकें नहीं ले पा रहे हैं, तो वहीं कई छात्र ऐसे भी हैं जो भारत कैसे प्रदेशों में रहते हैं. जहां पर इंटरनेट और तकनीकी सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में युवा सोसायटी ने 'युवा-उत्थान' मुहिम के तहत करीब 2 महीने पहले एक गूगल फॉर्म तैयार किया गया था. जिसके जरिए छात्रों ने ऑनलाइन क्लासेस लेने में आ रही अपनी परेशानियां साझा की थी.
साथ ही शिक्षकों ने भी बताया था कि कई बार ऑनलाइन क्लास के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने के चलते क्लास पूरी नहीं हो पाती. वहीं कई छात्र ऐसे भी हैं जिनके पास स्मार्टफोन ना होने के चलते वह क्लास नहीं ले पाते. ऐसे में छात्रों की पहचान कर उनकी जरूरत अनुसार पाठ्य सामग्री स्पीड पोस्ट के जरिए छात्रों तक पहुंचाई गई.
कई छात्र के पास है तकनीकी सुविधा का अभाव
प्रोफेसर आनंद ने कहा कि जहां कुछ छात्रों ने ई-मेल के जरिए पाठ्य सामग्री लेने की बात कही. वहीं उन छात्रों की संख्या कहीं अधिक थी जो उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान जैसे राज्यों के दूरदराज गांव में रहते थे और जिनके पास इंटरनेट और अन्य तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. इसे संज्ञान में लेते हुए करीब 380 छात्रों तक स्पीड पोस्ट के जरिए पाठ्य सामग्री पहुंचाई गई.
प्रिंसिपल ने छात्रों को मदद देने का दिया आश्वासन
वहीं राजधानी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश गिरी ने युवा सोसायटी की पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि युवा सोसायटी ने जरूरतमंद छात्रों के लिए बहुत अच्छी मुहिम चलाई है. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि छात्र हित में उनकी तरफ से हर संभव मदद की जाएगी. जरूरतमंद छात्रों को लैपटॉप और डाटा पैक उपलब्ध कराने की भी योजना बनाई जा रही है.