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न खाता-न बही, निर्मला जी जो कहें वो सही: योगेंद्र यादव

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने बजट को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इसमें कितने पैसे खर्च होंगे इसका विवरण ही नहीं है.

योगेंद्र यादव ने बजट को बताया निराशाजनक
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Published : Jul 5, 2019, 2:37 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 5:30 PM IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार पार्ट- 2 के पहले बजट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कैसा बजट है, इसमें कितने पैसे खर्च होंगे इसका विवरण नहीं है. स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 2019 के बजट को निराशाजनक बजट बताया है.

'जीरो बजट स्पीच'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में जीरो बजट फार्मिंग की बात की. इस पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि जीरो बजट फार्मिंग का तो पता नहीं लेकिन ये ज़ीरो बजट स्पीच जरूर है.

योगेंद्र यादव ने बजट को बताया निराशाजनक
बजट 2019 पर जोरदार हमला करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा बजट भारत के इतिहास में किसी भी वित्त मंत्री ने अभी तक नहीं दिया है.

'किसानों की उम्मीद का बजट माना जा रहा था'
योगेंद्र यादव ने बताया कि साल 2019 के बजट को किसानों की उम्मीद का बजट माना जा रहा था. मोदी सरकार की झोली भरने वाले किसानों ने उम्मीद की तरह इस बजट को देखा था, सोचा था कि आज वो अपनी दुआओं का असर देखेंगे.

Yogendra yadav attack on budget and nirmala sitharaman
योगेंद्र यादव ने बजट को बताया निराशाजनक

किसानों का जिक्र नहीं
उन्होंने कहा कि बजट के भाषण के दौरान सूखे का कोई जिक्र नहीं है. आवारा पशुओं से त्रस्त किसानों को लेकर जिक्र नहीं, किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी. इस पर भी जिक्र नहीं किया गया.
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बजट पर बड़े अनोखे अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे लेकिन भाषण खत्म होते-होते किसान ग़ज़ल की अंतिम पंक्ति में पहुंच गया, आज की रात बचेंगे तो शहर देखेंगे.

नई दिल्ली: मोदी सरकार पार्ट- 2 के पहले बजट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कैसा बजट है, इसमें कितने पैसे खर्च होंगे इसका विवरण नहीं है. स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 2019 के बजट को निराशाजनक बजट बताया है.

'जीरो बजट स्पीच'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में जीरो बजट फार्मिंग की बात की. इस पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि जीरो बजट फार्मिंग का तो पता नहीं लेकिन ये ज़ीरो बजट स्पीच जरूर है.

योगेंद्र यादव ने बजट को बताया निराशाजनक
बजट 2019 पर जोरदार हमला करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा बजट भारत के इतिहास में किसी भी वित्त मंत्री ने अभी तक नहीं दिया है.

'किसानों की उम्मीद का बजट माना जा रहा था'
योगेंद्र यादव ने बताया कि साल 2019 के बजट को किसानों की उम्मीद का बजट माना जा रहा था. मोदी सरकार की झोली भरने वाले किसानों ने उम्मीद की तरह इस बजट को देखा था, सोचा था कि आज वो अपनी दुआओं का असर देखेंगे.

Yogendra yadav attack on budget and nirmala sitharaman
योगेंद्र यादव ने बजट को बताया निराशाजनक

किसानों का जिक्र नहीं
उन्होंने कहा कि बजट के भाषण के दौरान सूखे का कोई जिक्र नहीं है. आवारा पशुओं से त्रस्त किसानों को लेकर जिक्र नहीं, किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी. इस पर भी जिक्र नहीं किया गया.
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बजट पर बड़े अनोखे अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे लेकिन भाषण खत्म होते-होते किसान ग़ज़ल की अंतिम पंक्ति में पहुंच गया, आज की रात बचेंगे तो शहर देखेंगे.

Intro:मोदी सरकार पार्ट 2 के पहले बजट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा यह कैसा बजट है जिसमें किस्मत में कितने पैसे खर्च होंगे इसका विवरण नहीं है। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 2019 के बजट को निराशाजनक बजट बताया है।




Body:"जीरो बजट स्पीच"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में जीरो बजट फार्मिंग की बात की। इस पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि जीरो बजट फार्मिंग का तो पता नहीं लेकिन ये ज़ीरो बजट स्पीच जरूर है।

बजट 2019 पर जोरदार हमला करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा बजट भारत के इतिहास में किसी भी वित्त मंत्री ने अभी तक नहीं दिया है।


Conclusion:योगेंद्र यादव ने बताया कि साल 2019 के बजट को किसानों की उम्मीद का बजट माना जा रहा था। मोदी सरकार की झोली भरने वाले किसानों ने उम्मीद की तरह इस बजट को देखा था, सोचा था कि आज वो अपनी दुआओं का असर देखेंगे।

बजट के भाषण के दौरान सूखे का कोई जिक्र नहीं, आवारा पशुओं से त्रस्त किसानों को लेकर जिक्र नहीं, किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी इस पर भी जिक्र नहीं किया गया।

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बजट पर बड़े अनोखे अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा, "आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे लेकिन भाषण खत्म होते होते किसान ग़ज़ल की अंतिम पंक्ति में पहुंच गया आज की रात बचेंगे तो शहर देखेंगे"।
Last Updated : Jul 5, 2019, 5:30 PM IST
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