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यासीन मलिक पटियाला हाउस कोर्ट में पेश, सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित - कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुआ यासीन मलिक

हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासीन मलिक कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक की सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. साढ़े तीन बजे के बाद फैसला आएगा. उसकी सजा की अवधि पर स्पेशल जज प्रवीण सिंह फैसला सुनाएंगे.

Patiala House court
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Published : May 25, 2022, 12:49 PM IST

Updated : May 25, 2022, 1:25 PM IST

नई दिल्ली: हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासीन मलिक कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक की सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. साढ़े तीन बजे के बाद फैसला आएगा. आज सुनवाई के दौरान एनआईए ने यासिन मलिक की फांसी की सजा की मांग की.

19 मई को कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया था. 10 मई को यासिन मलिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. 16 मार्च को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

यासीन मलिक पटियाला हाउस कोर्ट में पेश, सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित

एनआईए के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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नई दिल्ली: हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासीन मलिक कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक की सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. साढ़े तीन बजे के बाद फैसला आएगा. आज सुनवाई के दौरान एनआईए ने यासिन मलिक की फांसी की सजा की मांग की.

19 मई को कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया था. 10 मई को यासिन मलिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. 16 मार्च को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

यासीन मलिक पटियाला हाउस कोर्ट में पेश, सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित

एनआईए के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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Last Updated : May 25, 2022, 1:25 PM IST
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