नई दिल्लीः समूचे उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. वहीं, राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. इसका जलस्तर अपने रिकॉर्ड स्तर के ऊपर पहुंच गया है. बुधवार दोपहर 1 बजे यह 207.55 मीटर तक पहुंच गया. इस तरह यह पिछले 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इससे पहले साल 1978 में इसका स्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था. वहीं, दिल्ली में बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं.
केंद्रीय जल आयोग के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर जल स्तर सोमवार शाम 5 बजे 205.4 मीटर से बढ़कर मंगलवार शाम 8 बजे 206.76 मीटर हो गया. इसका कारण है कि हरियाणा के हथिनीकुंड से नदी में अधिक पानी छोड़ा गया है. CWC ने यमुना के जलस्तर को 207 मीटर तक बढ़ने को लेकर आशंका जताई थी. वहीं बाढ़ के खतरे को देखते हुए सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. यमुना के तट पर आपात स्थिति को देखते हुए बोट को तैनात रखा गया है. वहीं सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है.
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Central Water Commission predicts 207.72 meter water level in Yamuna tonite. Not good news for Delhi.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
There have been no rains in Delhi last 2 days, however, levels of Yamuna are rising due to abnormally high volumes of water being released by Haryana at Hathnikund barrage.… pic.twitter.com/3D0SI2eYUm
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There have been no rains in Delhi last 2 days, however, levels of Yamuna are rising due to abnormally high volumes of water being released by Haryana at Hathnikund barrage.… pic.twitter.com/3D0SI2eYUm
CM ने जताई चिंताः वहीं, CM अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर चिंता जाहिर की है. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को लेटर भी लिखा है. ट्वीट में लिखा है कि केंद्रीय जल आयोग ने आज यमुना में 207.72 मीटर जल स्तर की भविष्यवाणी की है. यह दिल्ली के लिए अच्छी खबर नहीं है. दिल्ली में पिछले 2 दिनों से बारिश नहीं हुई है, हालांकि, हथिनीकुंड बैराज में हरियाणा असामान्य रूप से अधिक मात्रा में पानी छोड़ रहा है, इसके कारण जल स्तर बढ़ रहा है. केंद्र से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया जा रहा है कि कि यमुना का स्तर और न बढ़े.
यमुना का बढ़ता जलस्तर (आंकड़े बुधवार के)
समय | जलस्तर (मीटर में) |
04:00.बजे | 207.06 |
05:00.बजे | 207.08 |
06:00.बजे | 207.14 |
07:00.बजे | 207.18 |
08:00.बजे | 207.25 |
09:00.बजे | 207.32 |
10:00.बजे | 207.37 |
11:00. बजे | 207.38 |
12:00. बजे | 207.48 |
तीन बार 207 के स्तर को पार किया थाः बता दें कि साल 1978 में दिल्ली के कई इलाके पूरी तरह से बाढ़ में घिर गए थे. तब हरियाणा से काफी मात्रा में पानी यमुना नदी में छोड़ा गया था. उस समय लोहे के पुल पर यमुना का स्तर 207.49 मीटर के निशान को छू गया था. ये पहली और आखिरी बार था, जब यमुना का स्तर इतने ऊपर तक गया है. हालांकि इसके बाद दो बार और यमुना का स्तर 207 मीटर के निशान को पार कर गया था. साल 2010 में 207.11 मीटर और साल 2013 में 207.32 मीटर तक चला गया था. तब ऐसे हालात राजधानी दिल्ली में बन गए थे और चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था. लेकिन अब ऐसे हालात एक बार फिर से बनते नजर आ रहे हैं. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली की यमुना नदी उफान पर है.
मंगलवार को 85 लोगों को रेस्क्यू किया गयाः दिल्ली में लगातार बढ़ रहे यमुना के जलस्तर को लेकर दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक का दौर भी जारी है. सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना ने स्थिति को लेकर कई बैठकें की. इसके अलावा यमुना के निचले इलाकों में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए कैंप भी लगाए गए हैं. मंगलवार देर शाम बोट क्लब की टीम ने बाढ़ में फंसे 85 लोगों को रेस्क्यू किया था. उन्हें राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया है. बेघर हुए लोगों के खाने-पीने की सभी सुविधाएं सरकार की तरफ से मुहैया कराई जा रही है. वहीं दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक भी की है.
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#WATCH दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, कई निचले इलाकों में घरों में यमुना का पानी घुसने के कारण लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
वीडियो ओखला बैराज इलाके से है। pic.twitter.com/FLFHBnWFJr
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वीडियो ओखला बैराज इलाके से है। pic.twitter.com/FLFHBnWFJr#WATCH दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, कई निचले इलाकों में घरों में यमुना का पानी घुसने के कारण लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
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बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई संस्थाएं जुटीः इसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राजनीतिक दल और सामाजिक संस्था से जुड़े लोग भी सामने आए हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अलग-अलग इलाके में आठ राहत शिविर लगाए गए, जिसमें खाने पीने की व्यवस्था बाढ़ पीड़ितों के लिए की गई है. इसके अलावा दिल्ली गुरुद्वारा सिख प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी लंगर की व्यवस्था की गई है. छोटे बड़े सामाजिक संस्था भी अपने स्तर पर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. यमुना में आई बाढ़ से फसलों का काफी नुकसान हुआ है. यमुना खादर में कई हेक्टेयर खेत बर्बाद हो गए हैं. दर्जनों नर्सरी के पौधे भी नष्ट हो गए हैं. माना जा रहा है कि किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है.
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