नई दिल्ली: सुब्रमण्यम स्वामी के निजी आवास पर भी वाई श्रेणी सुरक्षा (y category security on Subramanian Swamy residence) मुहैया कराई जाएगी. सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि वे शनिवार तक सरकारी आवास खाली कर देंगे. यह सरकारी आवास उन्हें राज्यसभा सदस्य रहते हुए दिया गया था. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें 26 अक्टूबर तक अपना आवास खाली करने का निर्देश दिया था. गुरुवार को स्वामी के आवेदन पर केंद्र सरकार ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन के माध्यम से हलफनामा दाखिल कर पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को मिली जेड-प्लस सुरक्षा के तहत उनकी सुरक्षा के संबंध में किए गए इंतजाम से सुरक्षा एजेंसियां भी संतुष्ट हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता के माध्यम से आवेदन दाखिल कर स्वामी ने कहा था कि, सरकारी आवास छोड़ने के लिए सहमत होने पर केंद्र ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके बाद सरकार ने सुरक्षा दिए जाने को लेकर हलफनामा दाखिल कर दिया है. वही स्वामी ने केंद्र द्वारा सुरक्षा दिए जाने का शासन दिए जाने के बाद 5 नवंबर को आवास खाली किए जाने की सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दी. स्वामी की तरफ से पेश वकील ने बताया कि वह अपने निजामुद्दीन स्थित आवास में स्थानांतरित हो जाएंगे.
बता दें स्वामी को जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र द्वारा दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था. वह अपने पूरे राज्यसभा कार्यकाल के दौरान वहीं रहे, जो अप्रैल 2022 में समाप्त हो गया. चूंकि उन्हें परिसर खाली करना था, स्वामी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्हें लगातार सुरक्षा खतरे को देखते हुए बंगले के पुन: आवंटन की मांग की. हालांकि, केंद्र ने बुधवार को याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी के प्रति सुरक्षा धारणा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है.
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एएसजी संजय जैन केंद्र की ओर से पेश हुए और कहा कि, सरकार वरिष्ठ नेता को समय-समय पर समीक्षा के अधीन सुरक्षा प्रदान करती रहेगी, लेकिन बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा. जैन ने अदालत से कहा कि उनका दिल्ली में एक घर है जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी. स्वामी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता पेश हुए और तर्क दिया कि उनके लिए सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए, पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षा कर्मियों को समायोजित करने के लिए घर की आवश्यकता है. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में स्वामी की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें आवास खाली करने का निर्देश दिया था.
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