नई दिल्ली: 1 नवंबर को पूरे देश में करवा चौथ मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं पूरा दिन अपने सुहाग के लिए भूखे-प्यासे व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं दुल्हन की तरह सजती संवरती भी हैं. करवा चौथ पर सजने संवरने की शुरुआत सुहागनों के हाथों की मेहंदी से होती है. करवा चौथ से एक या दो दिन पहले ही महिलाएं बाजारों में मेहंदी लगवाने पहुंचती हैं. हाथों पर लगी लाल सुर्ख मेहंदी महिलाओं के श्रृंगार में चार चांद लगा देती है. ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं के हाथ पर लगी मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, उनका पति उनसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है.
त्योहार के हिसाब से बढ़ जाती है कीमत: वेस्ट दिल्ली के तिलक नगर मार्किट में करवा चौथ के पहले महिलाएं मेहंदी लगवाने पहुंच रही हैं. मेहंदी लगवाने आई गुरप्रीत कौर ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि वह हर वर्ष करवा चौथ के दो दिन पहले ही मेहंदी लगवा लेती हैं. वह ऐसा इसलिए करती हैं क्योंकि करवा चौथ के एक दिन पहले बाजार में मेहंदी लगवाने वालों को भीड़ काफी बढ़ जाती है. जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती है, मेहंदी आर्टिस्ट हाथों पर मेहंदी लगाने की कीमत बढ़ा देते हैं. मेंहदी लगवाने आई अल्पना ने बताया कि आज कल बाजारों में केमिकल वाली मेहंदी लगाई जाती हैं इसलिए दो दिन बाद ही इस मेहंदी का रंग खिल कर आता है.
डिजाईन पर निर्भर होती है मेहंदी लगाने की कीमत: मेहंदी आर्टिस्ट इल्यास ने बताया कि हाथों पर मेहंदी लगाने की कीमत उसके डिजाइन पर निर्भर करती है. एक हाथ पर मेहंदी लगाने की कीमत 200 रुपए हैं, जिसमें पीछे की तरफ बेल बनेगी. दोनों पैरों पर मेहंदी लगाने की कीमत 400 रुपए है. करवाचौथ के एक दिन पहले एक हाथ पर मेहंदी लगने की कीमत 500 रुपए तक हो जाती है.
मेहंदी कई डिजाइन में लगायी जाती है, जिनके नाम भी अलग अलग होते हैं. मेहंदी आर्टिस्ट आलम सिद्दीकी ने बताया कि मेहंदी कई तरह के डिजाइन में लगाई जाती है. इसमें राजस्थानी, मारवाड़ी, जयपुरी और मधुबनी फेमस डिजाइन हैं. उन्होंने बताया कि आज कल महिलाओं की पहली पसंद मधुबनी डिजाइन है जिसको थ्री डी डिजाइन भी कहा जाता है. इसमें कमल और गुलाब के फूलों को थ्री डी स्टाइल से लगाया जाता है. महिलाएं खुली और साफ दिखने वाले डिज़ाइन ज्यादा पसंद करती हैं. इन डिज़ाइन के बीच में गैप ज्यादा होता है.
दूर-दूर से मेहंदी लगवाने आती हैं महिलाएं: तिलक नगर बाजार अपने फैशन ट्रेंड्स को लेकर तो मशहूर है ही, वहीं मेहंदी के आकर्षक डिज़ाइन के लिए भी जाना जाता है. यहां दिल्ली के अलावा एनसीआर और पंजाब से भी महिलाएं मेहंदी लगवाने आती हैं. आलम ने बताया कि उनके पास नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, राजस्थान और पंजाब की महिलाएं मेहंदी लगवाने आती है.
तिलक नगर मार्किट फेडरशन के प्रेजिडेंट सुशिल खत्री ने कहा कि दिल्ली का तिलक नगर मशहूर बाज़ारों में से एक हैं. मेहंदी और चूड़ियों के लिए तिलक नगर मार्किट पूरी दिल्ली में पहचानी जाती है. यहां करवा चौथ के समय 1000 के करीब मेहंदी आर्टिस्ट बैठते हैं. उन्होंने बताया कि करवाचौथ के दिनों में सुबह 10 बजे से रात के 3 से 4 बजे तक मेहंदी लगती है. ज्यादातर ऑफिस जाने वाली महिलाएं ऑफिस से आने के बाद घर का काम पूरा कर के रात को ही मेहंदी लगवाने आती हैं. उन्होंने बताया कि त्यौहारों के दिनों में काफी महिलाएं खरीदारी के तिलक नगर बाजार आती हैं. बाजार में किसी तरह की अनहोनी न हो इसके लिए फेडरेशन और दिल्ली पुलिस हर वक्त सुरक्षा में खड़ी रहती है.
त्योहारों में होता है मेहंदी का महत्व: त्योहार या अन्य किसी शुभ अवसर पर मेहंदी लगाना सुखी खुशहाली और समृद्ध जीवन का प्रतीक होता है. ऐसी मान्यता है कि जिस परिवार की महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं, वहां देवी-देवता निवास करते हैं. ऐसी मान्यता है कि एक बार मां दुर्गा के क्रोध को शांत करने के लिए देवी-देवताओं ने माता को मेहंदी से सजाया था और तब से किसी भी विशेष अवसर पर मेहंदी लगाने को शुभ माना जाता है.
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मेहंदी लगाने के औषधीय फायदे: हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से ही मेहंदी को कई औषधीय उपयोगों में भी लाया जाता है. मेहंदी शीतलता का प्रतीक होती है. इसी कारण से मानसिक तनाव, बुखार या सर दर्द के समय मेहंदी लगाना अच्छा होता है. मेहंदी से शरीर की जलन या गर्मी में भी राहत मिलती है. इसीलिए इसे एक गुणकारी औषधि की तरह भी माना गया है.
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