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दुर्गा अष्टमी पर किया कन्या पूजन, बच्चियों को कराया भोजन

धार्मिक आस्था का त्योहार नवरात्रि में आज दो तिथि का योग होगा. इसलिए अष्टमी और नवमी आज ही के दिन मनाया जा रहा है. ऐसे में श्रद्धालु जो पिछले 8 दिनों से अपने घरों में पूजा-पाठ कर रहे थे, उन्होंने कन्याओं का पूजन करके उन्हें भोजन कराया.

worshiped the girl in durga ashtami
कन्या पूजन
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Published : Oct 24, 2020, 9:49 PM IST

नई दिल्लीः नवरात्रि का त्योहार पिछले 8 दिन से धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि कोरोना के कारण इस बार त्यौहार थोड़ा फीका रहा. मंदिरों में भीड़ कम रही, लेकिन घरों में लोग उसी श्रद्धा भाव से लगातार पूजा पाठ कर रहे थे. लगातार 8 दिनों से चली आ रही पूजा में आज दोनों तिथि का योग बना, जिसमें अष्टमी और नवमी तिथि के साथ आई. ऐसे में ऐसे श्रद्धालुओं के लिए आज एक ही दिन व्रत खोलने का वक्त आया.

दुर्गा अष्टमी पर किया कन्या पूजन

परंपरा चली आ रही है कि पूजा का समापन कन्या पूजन और कन्या भोजन से होता है. ऐसे में अलग-अलग इलाकों में लोगों ने अपने घर में पूजा पाठ किया और कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया.

अष्टमी और नवमी के योग

हालांकि हर बार की तरह कन्या पूजन के लिए पहले की तरह भीड़ देखने को नहीं मिली इसके पीछे कोरोना एक बड़ी वजह रही. अभिभावकों ने छोटी बच्चियों को कंजक पूजन के लिए बाहर भेजने से परहेज किया. पूजन के लिए वैसे तो 11 कन्याओं का चलन है लेकिन कोरोना के चलते पांच और सात कन्याओं का ही पूजन भी किया गया.

नई दिल्लीः नवरात्रि का त्योहार पिछले 8 दिन से धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि कोरोना के कारण इस बार त्यौहार थोड़ा फीका रहा. मंदिरों में भीड़ कम रही, लेकिन घरों में लोग उसी श्रद्धा भाव से लगातार पूजा पाठ कर रहे थे. लगातार 8 दिनों से चली आ रही पूजा में आज दोनों तिथि का योग बना, जिसमें अष्टमी और नवमी तिथि के साथ आई. ऐसे में ऐसे श्रद्धालुओं के लिए आज एक ही दिन व्रत खोलने का वक्त आया.

दुर्गा अष्टमी पर किया कन्या पूजन

परंपरा चली आ रही है कि पूजा का समापन कन्या पूजन और कन्या भोजन से होता है. ऐसे में अलग-अलग इलाकों में लोगों ने अपने घर में पूजा पाठ किया और कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया.

अष्टमी और नवमी के योग

हालांकि हर बार की तरह कन्या पूजन के लिए पहले की तरह भीड़ देखने को नहीं मिली इसके पीछे कोरोना एक बड़ी वजह रही. अभिभावकों ने छोटी बच्चियों को कंजक पूजन के लिए बाहर भेजने से परहेज किया. पूजन के लिए वैसे तो 11 कन्याओं का चलन है लेकिन कोरोना के चलते पांच और सात कन्याओं का ही पूजन भी किया गया.

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