ETV Bharat / state

World Breastfeeding Week 2023: आरामदायक कुर्सी या कुशन के सहारे बच्चे को कराएं स्तनपान, इससे मिलेगा आराम, पढ़ें और टिप्स

मंगलवार से सोमवार तक पूरे दुनिया में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा. विश्व स्तनपान सप्ताह का मकसद लोगों को स्तनपान के प्रति जागरूक करना है. इस अभियान की शुरुआत 1992 से हुई थी और हर साल इस खास सप्ताह के लिए अलग-अलग थीम रखी जाती है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 1, 2023, 1:18 PM IST

Updated : Aug 1, 2023, 4:00 PM IST

नई दिल्ली: अगस्त के पहले दिन से मनाया जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह आज दुनिया के 170 देशों में मनाया जाता है. हर साल इसे बेहद ही खास सप्ताह के तौर पर मनाया जाता है. इस सप्ताह का मकसद लोगों को स्तनपान के प्रति जागरूक करना है. इस अभियान में पूरी दुनिया हिस्सा लेती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच जागरुकता फैलाने का काम करती है. आज के इस खास दिन पर हम जानेंगे कि आखिर स्तनपान क्यों जरूरी है, इसके फायदे क्या हैं, कितने दिनों के लिए मां को स्तनपान कराना चाहिए और यह अभियान की शुरूआत क्यों और कैसे हुई. स्तनपान के लिए सुरक्षा, प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करना इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है. ETV Bharat ने बातचीत में नेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन चाइल्ड हेल्थ की नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. अचला बत्रा ने स्तनपान से जुड़ी कई अहम बातें साझा की.

कितने महीनों तक स्तनपान कराना जरूरी?: बच्चे को दूध पिलाना मां और बच्चे दोनों के लिए अनूठा अनुभव है. डॉ. बत्रा ने बताया कि डिलीवरी के शुरुआती 6 महीने तक बच्चे को केवल मां का दूध पिलाना चाहिए. मां के दूध में बच्चे को कैल्शियम, विटामिन और बाकि सभी न्यूट्रिशन मिल जाते हैं. इसके अलावा स्तनपान कराने से बच्चे के शरीर में एन्टीबॉडीस का विकास होता है, जो बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है. डिलीवरी के तुरंत बाद मां के स्तन में निकलने वाला गाढ़ा पीला चिकना दूध नवजात को जरूर पिलाना चाहिए, इससे बच्चे की इम्युनिटी पावर बढ़ती है. मां के स्तन से निकलने वाली पहली दूध की बूंद में वो सारे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे की इम्युनिटी को जीवनभर स्ट्रांग बना कर रखते हैं.

कैसे कराएं स्तनपानः डॉ. अचला ने बताया कि स्तनपान करते समय हमेशा बच्चे का सिर उसके बाकी शरीर से ऊंचा होना चाहिए. आरामदायक कुर्सी या कुशन के सहारे बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए. इससे मां रिलेक्स रहेंगी और असहज महसूस नहीं करेंगी. कई नई मां अपने बच्चे को लेट कर भी दूध पिलाती है, लेकिन यह सुरक्षित नहीं है. इससे कभी कभी बच्चे के सांस की नली में दूध अटकने का खतरा होता है. खुद बैठ कर स्तनपान करना ज्यादा सुविधा जनक और सुरक्षित है.

delhi news
विश्व स्तनपान सप्ताह

बच्चे की भूख का कैसे हो एहसास?: जब महिला पहली बार मां बनती हैं, वह इस बात का अनुमान नहीं लगा पाती हैं कि बच्चे को कब स्तनपान कराना है. अगर बच्चा गीला नहीं है और फिर भी रो रहा है, तो उसको तुरंत स्तनपान कराना चाहिए. डिलीवरी के शुरुआती 6 हफ्ते तक बच्चा जब रोये तब स्तनपान करवाना चाहिए. डिलीवरी के शुरुआती हफ़्तों में बच्चे की डिमांड के अनुरूप फीडिंग करनी चाहिए, इसे डिमांड फीडिंग कहते हैं. इस समय बच्चे के लिए फीडिंग का कोई भी समय निर्धारित नहीं होता. इसके अलावा नई मांओं को सबसे अधिक स्तनपान कराने के तरीके को समझने की जरूरत होती है.

मां के दूध से बच्चे का होता है सर्वांगीण विकासः सर गंगा राम अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट और सीनियर कंसलटेंट डॉ धीरेन गुप्ता ने बताया कि माँ का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार होता है. माँ के दूध में प्रोटीन, कैल्सियम, एन्टीबॉडी, लिपिड, कार्बोहाइड्रेड, मिनरल और बहुत सारे पौष्टिक तत्व होते हैं जो शिशु के शारीरिक और आंतरिक विकास में मदद करते हैं. मां के दूध में पानी की मात्रा इतनी होती है वह शिशु के शरीर में पानी की आवश्यकता को पूरा कर सकता है. वहीं, जिन बच्चों का जन्म 9 महीने से पहले होता है उनके अंदरूनी बॉडी पार्ट्स को जल्दी विकसित होने में भी मदद करता है. मां के दूध में इम्युनोग्लोब्यूलीन का स्तर काफी ज्यादा होता है, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

delhi news
विश्व स्तनपान सप्ताह का महत्व

क्यों मनाया जाने लगा विश्व स्तनपान सप्ताहः स्तनपान के महत्व को दुनिया के सामने लाने और प्रोत्साहन देने के लिए डब्लूएचओ और यूनिसेफ ने 1990 में एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. 1991 में ब्रेस्ट फीडिंग को समर्थन देने के लिए वल्र्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन का गठन किया गया. इसके महत्व और जरूरत को समझते हुए इसे एक खास सप्ताह के तौर पर मनाया जाने लगा. सबसे पहले विश्व स्तनपान सप्ताह 1992 में अगस्त की पहली तारीख से 7 अगस्त तक मनाया गया. शुरुआत में यह सिर्फ 70 देशों में मनाया जाता था, लेकिन अब दुनिया के 170 देशों में इसे मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: World No Tobacco Day: उत्तराखंड में 10 लाख लोग धूम्रपान को कहेंगे ना, इतने लोग गंवाते हैं जान

इस साल की खास थीमः इस साल भी विश्व स्तनपान सप्ताह की एक खास थीम है. हर साल यह खास सप्ताह एक थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल स्तनपान सप्ताह की थीम ब्रेस्ट फीडिंग को सक्षम करना- कामकाजी माता पिता के लिए एक अंतर बताना है. इस पूरे सप्ताह दुनिया के 170 देशों के लोग इस दिन का जश्न मनाते हैं और अधिक से अधिक लोगों को स्तनपान के फायदे और इसका महत्व बताकर जागरूक करते हैं.

ये भी पढ़ें: World No Tobacco Day: तंबाकू के खतरों को दर्शाती विशाल रेत की मूर्ति, देखें वीडियो

नई दिल्ली: अगस्त के पहले दिन से मनाया जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह आज दुनिया के 170 देशों में मनाया जाता है. हर साल इसे बेहद ही खास सप्ताह के तौर पर मनाया जाता है. इस सप्ताह का मकसद लोगों को स्तनपान के प्रति जागरूक करना है. इस अभियान में पूरी दुनिया हिस्सा लेती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच जागरुकता फैलाने का काम करती है. आज के इस खास दिन पर हम जानेंगे कि आखिर स्तनपान क्यों जरूरी है, इसके फायदे क्या हैं, कितने दिनों के लिए मां को स्तनपान कराना चाहिए और यह अभियान की शुरूआत क्यों और कैसे हुई. स्तनपान के लिए सुरक्षा, प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करना इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है. ETV Bharat ने बातचीत में नेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन चाइल्ड हेल्थ की नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. अचला बत्रा ने स्तनपान से जुड़ी कई अहम बातें साझा की.

कितने महीनों तक स्तनपान कराना जरूरी?: बच्चे को दूध पिलाना मां और बच्चे दोनों के लिए अनूठा अनुभव है. डॉ. बत्रा ने बताया कि डिलीवरी के शुरुआती 6 महीने तक बच्चे को केवल मां का दूध पिलाना चाहिए. मां के दूध में बच्चे को कैल्शियम, विटामिन और बाकि सभी न्यूट्रिशन मिल जाते हैं. इसके अलावा स्तनपान कराने से बच्चे के शरीर में एन्टीबॉडीस का विकास होता है, जो बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है. डिलीवरी के तुरंत बाद मां के स्तन में निकलने वाला गाढ़ा पीला चिकना दूध नवजात को जरूर पिलाना चाहिए, इससे बच्चे की इम्युनिटी पावर बढ़ती है. मां के स्तन से निकलने वाली पहली दूध की बूंद में वो सारे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे की इम्युनिटी को जीवनभर स्ट्रांग बना कर रखते हैं.

कैसे कराएं स्तनपानः डॉ. अचला ने बताया कि स्तनपान करते समय हमेशा बच्चे का सिर उसके बाकी शरीर से ऊंचा होना चाहिए. आरामदायक कुर्सी या कुशन के सहारे बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए. इससे मां रिलेक्स रहेंगी और असहज महसूस नहीं करेंगी. कई नई मां अपने बच्चे को लेट कर भी दूध पिलाती है, लेकिन यह सुरक्षित नहीं है. इससे कभी कभी बच्चे के सांस की नली में दूध अटकने का खतरा होता है. खुद बैठ कर स्तनपान करना ज्यादा सुविधा जनक और सुरक्षित है.

delhi news
विश्व स्तनपान सप्ताह

बच्चे की भूख का कैसे हो एहसास?: जब महिला पहली बार मां बनती हैं, वह इस बात का अनुमान नहीं लगा पाती हैं कि बच्चे को कब स्तनपान कराना है. अगर बच्चा गीला नहीं है और फिर भी रो रहा है, तो उसको तुरंत स्तनपान कराना चाहिए. डिलीवरी के शुरुआती 6 हफ्ते तक बच्चा जब रोये तब स्तनपान करवाना चाहिए. डिलीवरी के शुरुआती हफ़्तों में बच्चे की डिमांड के अनुरूप फीडिंग करनी चाहिए, इसे डिमांड फीडिंग कहते हैं. इस समय बच्चे के लिए फीडिंग का कोई भी समय निर्धारित नहीं होता. इसके अलावा नई मांओं को सबसे अधिक स्तनपान कराने के तरीके को समझने की जरूरत होती है.

मां के दूध से बच्चे का होता है सर्वांगीण विकासः सर गंगा राम अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट और सीनियर कंसलटेंट डॉ धीरेन गुप्ता ने बताया कि माँ का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार होता है. माँ के दूध में प्रोटीन, कैल्सियम, एन्टीबॉडी, लिपिड, कार्बोहाइड्रेड, मिनरल और बहुत सारे पौष्टिक तत्व होते हैं जो शिशु के शारीरिक और आंतरिक विकास में मदद करते हैं. मां के दूध में पानी की मात्रा इतनी होती है वह शिशु के शरीर में पानी की आवश्यकता को पूरा कर सकता है. वहीं, जिन बच्चों का जन्म 9 महीने से पहले होता है उनके अंदरूनी बॉडी पार्ट्स को जल्दी विकसित होने में भी मदद करता है. मां के दूध में इम्युनोग्लोब्यूलीन का स्तर काफी ज्यादा होता है, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

delhi news
विश्व स्तनपान सप्ताह का महत्व

क्यों मनाया जाने लगा विश्व स्तनपान सप्ताहः स्तनपान के महत्व को दुनिया के सामने लाने और प्रोत्साहन देने के लिए डब्लूएचओ और यूनिसेफ ने 1990 में एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. 1991 में ब्रेस्ट फीडिंग को समर्थन देने के लिए वल्र्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन का गठन किया गया. इसके महत्व और जरूरत को समझते हुए इसे एक खास सप्ताह के तौर पर मनाया जाने लगा. सबसे पहले विश्व स्तनपान सप्ताह 1992 में अगस्त की पहली तारीख से 7 अगस्त तक मनाया गया. शुरुआत में यह सिर्फ 70 देशों में मनाया जाता था, लेकिन अब दुनिया के 170 देशों में इसे मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: World No Tobacco Day: उत्तराखंड में 10 लाख लोग धूम्रपान को कहेंगे ना, इतने लोग गंवाते हैं जान

इस साल की खास थीमः इस साल भी विश्व स्तनपान सप्ताह की एक खास थीम है. हर साल यह खास सप्ताह एक थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल स्तनपान सप्ताह की थीम ब्रेस्ट फीडिंग को सक्षम करना- कामकाजी माता पिता के लिए एक अंतर बताना है. इस पूरे सप्ताह दुनिया के 170 देशों के लोग इस दिन का जश्न मनाते हैं और अधिक से अधिक लोगों को स्तनपान के फायदे और इसका महत्व बताकर जागरूक करते हैं.

ये भी पढ़ें: World No Tobacco Day: तंबाकू के खतरों को दर्शाती विशाल रेत की मूर्ति, देखें वीडियो

Last Updated : Aug 1, 2023, 4:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.