नई दिल्ली: इस दौरान फाउंडेशन की तरफ से महिला उत्पीड़न के अलग-अलग पहलुओं पर प्रकाश डाला गया. कार्यस्थल की अवधारणा क्या होती है? किस तरीके से महिलाएं वहां असुरक्षित महसूस करती हैं? और इन गतिविधियों का किस तरीके से वह जवाब दे सकती हैं. साथ ही इन गतिविधियों को लेकर किस प्रकार रिपोर्टिंग की जा सकती है आदि पहलुओं पर चर्चा की गई.
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हम सभी जानते हैं कि आज देश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी दर्ज करवा रही हैं. बावजूद इनके महिलाओं के प्रति होते अपराध यौन उत्पीड़न आदि की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. ऐसे में देखा जाता है कि जागरूकता की कमी है. इसीलिए महिलाओं को सचेत होकर शिकायत करके अपनी आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है.