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आम बजट 2020 के खिलाफ मजदूर यूनियन का मार्च, योजनाओं में कटौती का आरोप

सोमवार को मजदूर यूनियन ने संसद मार्ग तक आम बजट 2020 के खिलाफ मार्च निकाला. मजदूरों का आरोप है कि आम बजट 2020 में मजदूरों और गरीब तबके के लोगों की योजनाओं में कटौती की गई है.

worker union march against general budget 2020 at sansad marg in delhi
आम बजट 2020 के खिलाफ मजदूर यूनियन का मार्च
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Published : Mar 2, 2020, 5:49 PM IST

नई दिल्ली: संसद मार्ग पर सोमवार को मजदूर यूनियन ने बजट के खिलाफ मजदूर मार्च निकला. मजदूर यूनियन का आरोप है कि जो इस बार आम बजट पेश किया गया है, उसमें तमाम मजदूरों और गरीब तबके के लोगों के लिए चल रही योजनाओं में कटौती की गई है. केंद्र सरकार मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है. इसके खिलाफ आज हम इकट्ठा हुए हैं और संसद तक मार्च निकाल रहे हैं.

मजदूर यूनियन का मार्च

सरकार के खिलाफ लगाए नारे

बता दें कि केंद्र सरकार ने 1 फरवरी 2020 को आम बजट पेश किया किया था, जिसको लेकर मजदूर यूनियन का आरोप है कि इस बार बजट में तमाम मजदूरों के लिए चल रही योजनाओं में कटौती की गई है. सरकार मजदूरों की सुविधाओं के लिए कोई काम नहीं कर रही है. मजदूर लगातार बेरोजगारी और गरीबी से गुजर रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी लाभ उन्हें नहीं दिया जा रहा है, इतना ही नहीं इस बार बजट में भी कटौती की गई है. केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए तमाम मजदूर और कार्यकर्ता संसद तक मार्च निकालते हुए नजर आए.

मजदूरों के खिलाफ केंद्र सरकार

ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC) के नेशनल सेक्रेटरी रमेश पराशर ने कहा कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को खत्म करने की साजिश रच रही है. इतना ही नहीं, सांप्रदायिक हिंसा भड़काने जा रही हैं और मजदूरों की एकता को खत्म करने की साजिश रची जा रही है.

'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के बजट में कटौती

यूनियन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए भी बजट में कटौती की गई है, इससे ज्यादा प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर खर्च किया जा रहा है लेकिन अन्य योजनाओं पर कटौती की गई है.

नई दिल्ली: संसद मार्ग पर सोमवार को मजदूर यूनियन ने बजट के खिलाफ मजदूर मार्च निकला. मजदूर यूनियन का आरोप है कि जो इस बार आम बजट पेश किया गया है, उसमें तमाम मजदूरों और गरीब तबके के लोगों के लिए चल रही योजनाओं में कटौती की गई है. केंद्र सरकार मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है. इसके खिलाफ आज हम इकट्ठा हुए हैं और संसद तक मार्च निकाल रहे हैं.

मजदूर यूनियन का मार्च

सरकार के खिलाफ लगाए नारे

बता दें कि केंद्र सरकार ने 1 फरवरी 2020 को आम बजट पेश किया किया था, जिसको लेकर मजदूर यूनियन का आरोप है कि इस बार बजट में तमाम मजदूरों के लिए चल रही योजनाओं में कटौती की गई है. सरकार मजदूरों की सुविधाओं के लिए कोई काम नहीं कर रही है. मजदूर लगातार बेरोजगारी और गरीबी से गुजर रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी लाभ उन्हें नहीं दिया जा रहा है, इतना ही नहीं इस बार बजट में भी कटौती की गई है. केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए तमाम मजदूर और कार्यकर्ता संसद तक मार्च निकालते हुए नजर आए.

मजदूरों के खिलाफ केंद्र सरकार

ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC) के नेशनल सेक्रेटरी रमेश पराशर ने कहा कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को खत्म करने की साजिश रच रही है. इतना ही नहीं, सांप्रदायिक हिंसा भड़काने जा रही हैं और मजदूरों की एकता को खत्म करने की साजिश रची जा रही है.

'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के बजट में कटौती

यूनियन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए भी बजट में कटौती की गई है, इससे ज्यादा प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर खर्च किया जा रहा है लेकिन अन्य योजनाओं पर कटौती की गई है.

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