नई दिल्ली/नोएडा : साइबर क्राइम के बढ़ते मामले और लोगों के साथ ठगी होने के कारण महिला शक्ति उत्थान मंडल एवं महिला शक्ति सामाजिक समिति ने संयुक्त रूप से ज्ञापन शौपा है. पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर महिलाओं ने लोगों को जागरूक करने की अपील की. साथ ही साइबर ठगी के मामलों में बैंक के ढुलमुल रवैए पर बैंक के खिलाफ भी कार्रवाई करने की अपील की है. ताकि साइबर ठगी के मामलों में जल्द कार्रवाई हो सके, जिससे लोगों को उनकी ठगी की रकम वापस मिल जाए.
बढ़ते साइबर अपराध के मामले में पुलिस के द्वारा आसानी से एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है और पीड़ित भटकता रहता है. अधिकतर मामलों में बैंक द्वारा भी इन्वेस्टिगेशन के नाम पर पीड़ित को ट्रांजैक्शन की लंबे समय तक उनके पैसों की कोई डिटेल नहीं दी जाती है. लेकिन पैसे का भुगतान करने के लिए दवाव बनाते हैं, जिसकी वजह से पीड़ित का पैसा वापस नहीं मिल पाता है. यह एक प्रकार से ठगों की मदद करना ही है. इससे ठगों के हौंसले बुलंद होते हैं वह नए-नए तरीकों से लोगों को ठगते रहते हैं.
साइबर ठगी के मामलों में ज्यादातर पुलिस का रवैया ढुलमुल रहता है. जब पीड़ित शिकायत करने पुलिस के पास जाता है तो पुलिस उसको तड़का कर वापिस भेज देती है. पुलिस के द्वारा अक्सर लोगों में जागरूकता न होने का बहाना बना कर पीड़ित को टालती रहती है. एफआईआर दर्ज नहीं करती है और कहती हैं हम कई बार बैंक से डिटेल मांग चुके हैं लेकिन बैंक नहीं दे रहे हैं. पुलिस का यह कैसा रवैया है, जिससे सब पिस रहे हैं. ऐसे मामलों में पुलिस, बैंक व आम लोगों को एक साथ मिलकर एक दूसरे का सहयोग करने की आवश्यकता है, जिससे मामलों में कमी आ सके.
साइबर क्राइम से बचाव एवं ठगी हो जाने पर क्या करना चाहिए इस विषय पर जागरूकता अभियान चलाया जाए. संगठन की अध्यक्ष रुपा गुप्ता का कहना है कि उन्होंने नॉलेज पार्क साइबर सेल प्रभारी से कई बार इस विषय पर बात की. उन्होंने आश्वासन देकर कोई भी सहयोग नहीं किया, जिसकी वजह से महिलाएं सूरजपुर कमिश्नर ऑफिस में डीसीपी रामबचन से मिल कर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने आश्वासन दिया कि जब भी आप लोग तय करेंगे हम कार्यक्रम में पहुंचेंगे.
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महिला संगठन की सदस्य अंजू पुंढीर का कहना है कि यह जागरूकता की कमी से ही नहीं पुलिस के असहयोग के कारण पीड़ित को चक्कर काटने पड़ते है एवं वित्तीय संस्थाओं बैंक, पेटीएम या अन्य ट्रांजैक्शन संस्थाओं के कमियों की वजह से ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. कई बार बैंक के कर्मचारी धोखाधड़ी ठगी आदि के मामले में पकड़े गए हैं. वरना बैंक अकाउंट हैक करना बाहर के लोगों के लिए इतना आसान काम नहीं है.