नई दिल्ली: देश के दक्षिण भारतीय राज्यों में फैल रहा कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 ज्यादा संक्रामक नहीं है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके मरीज करीब सप्ताह भर में ठीक हो जा रहे हैं. दरअसल, दिल्ली में कोरोना के जिस महिला मरीज के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 पाया गया वह अस्पताल से ठीक होकर अपने घर जा चुकी है. बता दें कि 52 वर्षीय महिला मरीज को चार दिसंबर को दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच करने पर वह कोरोना संक्रमित पाई गई थी.
अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला में संक्रमण के हल्के लक्षण थे. 11 दिसंबर के बाद जब दोबारा आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि जब 21 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने आरटीपीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करने के निर्देश दिए तो आईएलबीएस से उस महिला का भी सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोकनायक अस्पताल भेजा गया था.
आईएलबीएस में जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए एक साथ 48 सैंपल की जरूरत पड़ती है. यह बड़ा सीक्वेंसर है, जबकि लोकनायक अस्पताल में एक साथ आठ सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हो सकती है. इसलिए आईएलबीएस के मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग लोकनायक अस्पताल में हुई. यहां पर एक सैंपल में कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 पाया गया, जबकि दूसरे सैंपल में ओमिक्रोन का संक्रमण मिला. आईएलबीएस अस्पताल के अनुसार जिस महिला का सैंपल पॉजीटिव पाया गया उससे उसके परिवार के किसी भी सदस्य को संक्रमण नहीं हुआ.
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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 9 नए मामले सामने आए थे, जिससे दिल्ली में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 35 हो गई थी. वहीं जो सैंपल कल जांच के लिए गए हैं, उनकी अभी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट और आरटीपीसीआर रिपोर्ट आना बाकी है. इसके बाद ही दिल्ली में कोरोना के नए मामलों और अन्य सैंपल में नए वेरिएंट की पुष्टि के बारे में पता चलेगा.