नई दिल्ली: कोरोना से बचाव के लिए दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों को कोरोना स्पेशलिस्ट अस्पतालों में तब्दील कर दिया गया हैं. लेकिन इसका खामियाजा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा हैं.
कोरोना मरीजों के लिए तय किए गए सरकारी अस्पतालों से रेफर मरीजों को दूसरे अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा हैं. जिस कारण लोकनायक अस्पताल से निकाल कर दूसरे अस्पताल में भेजी गई एक 40 वर्षीय मरीज ने दम तोड़ दिया.
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में पिछले 11 दिनों से किडनी रोग की वजह से भर्ती 40 साल की शाहजहां ने सुबह दम तोड़ दिया. उनके रिश्तेदारों ने बताया कि मंगलवार शाम को लोकनायक अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को यह कहकर दूसरे अस्पताल में जाने के लिए कह दिया कि लोकनायक अस्पताल में अब सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही उपचार होगा.
परिजनों ने डॉक्टर को बताया कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. लेकिन डॉक्टर नहीं माने. जिसके बाद परिजन उसे लेकर जीटीबी अस्पताल गए. जीटीबी अस्पताल पहुंचने के बाद भी शाहजहां को भर्ती नहीं किया गया, जबकि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इसके बाद परिजन शाहजहां को लेकर दो और अस्पतालों में भी गए लेकिन सभी जगह उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया.
घर पर हुई मौत
किसी अस्पताल में भर्ती नहीं होने के बाद परिजन मजबूरी में शाहजहां को घर लाए. जहां रात भर उसे सांस लेने में तकलीफ होती रही. इस कारण उसने दम तोड़ दिया. इस संबंध में पूछने पर जीटीबी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुनील कुमार ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा मामला सामने आता है तो इसकी जांच कराई जाएगी.