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Aja Ekadashi 2023: कब है अजा एकादशी ? जानें शुभ मुहूर्त, महत्त्व और मंत्र

अजा एकादशी का व्रत विवार 10 सितंबर 2023 को रखा जाएगा. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 10, 2023, 5:37 AM IST

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. भादप्रद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहते हैं. रविवार, 10 सितंबर 2023 को अजा एकादशी पड़ रही है. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. अजा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक रविवार 10 सितंबर 2023 को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. अजा एकादशी का व्रत रखने वाले लोग विशेष तौर पर ध्यान रखें कि इस दिन चावल और चावल से बने भोजन को ग्रहण न करें. यदि अल्प आहार करते हैं तो फल खा सकते हैं या फिर जूस पी सकते हैं. हालांकि अजा एकादशी का व्रत निराहार रखने का विधान है. अजा एकादशी व्रत का अगले दिन द्वादशी तिथि में पारण करें.

० मुहूर्त

एकादशी तिथि का शुरुआत: रविवार, 09 सितंबर, 2023 शाम 07:17 PM से शुरू

एकादशी तिथि का समाप्त: सोमवार, 10 सितंबर रात 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त.

व्रत पारण समय: सोमवार 11 सितंबर सुबह 6 बजकर 4 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक.

अजा एकादशी व्रत रविवार, 10 सितंबर 2023 को रखा जाएगा.

० अजा एकादशी व्रत की मान्यता

मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. साथ ही भक्तों को भूत-प्रेत के भय से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखकर व्रत कथा सुनने से अश्वमेध यज्ञ करने के समान लाभ की प्राप्ति होती है. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु से क्षमा याचना कर मुक्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

० मंत्र

ॐ अं वासुदेवाय नम:

ॐ आं संकर्षणाय नम:

ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

ॐ नारायणाय नम:

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

अजा एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि के इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। ॐ हूं विष्णवे नम:।

० इन बातों का रखें विशेष ध्यान

- अजा एकादशी के दिन तामसिक भोजन करने की मनाही बताई गई है. इस दिन किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

- अजा एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

- एकादशी पर किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें.



खबर धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. हमारा मकसद केवल आप तक जानकारी पहुंचाना है.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. भादप्रद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहते हैं. रविवार, 10 सितंबर 2023 को अजा एकादशी पड़ रही है. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. अजा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक रविवार 10 सितंबर 2023 को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. अजा एकादशी का व्रत रखने वाले लोग विशेष तौर पर ध्यान रखें कि इस दिन चावल और चावल से बने भोजन को ग्रहण न करें. यदि अल्प आहार करते हैं तो फल खा सकते हैं या फिर जूस पी सकते हैं. हालांकि अजा एकादशी का व्रत निराहार रखने का विधान है. अजा एकादशी व्रत का अगले दिन द्वादशी तिथि में पारण करें.

० मुहूर्त

एकादशी तिथि का शुरुआत: रविवार, 09 सितंबर, 2023 शाम 07:17 PM से शुरू

एकादशी तिथि का समाप्त: सोमवार, 10 सितंबर रात 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त.

व्रत पारण समय: सोमवार 11 सितंबर सुबह 6 बजकर 4 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक.

अजा एकादशी व्रत रविवार, 10 सितंबर 2023 को रखा जाएगा.

० अजा एकादशी व्रत की मान्यता

मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. साथ ही भक्तों को भूत-प्रेत के भय से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखकर व्रत कथा सुनने से अश्वमेध यज्ञ करने के समान लाभ की प्राप्ति होती है. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु से क्षमा याचना कर मुक्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

० मंत्र

ॐ अं वासुदेवाय नम:

ॐ आं संकर्षणाय नम:

ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

ॐ नारायणाय नम:

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

अजा एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि के इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। ॐ हूं विष्णवे नम:।

० इन बातों का रखें विशेष ध्यान

- अजा एकादशी के दिन तामसिक भोजन करने की मनाही बताई गई है. इस दिन किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

- अजा एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

- एकादशी पर किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें.



खबर धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. हमारा मकसद केवल आप तक जानकारी पहुंचाना है.

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