नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान युवाओं को भारतीय संस्कृति और सभ्यता से जोड़ने के लिए वर्चुअल कार्यक्रम कराए जा रहे हैं. इसी कड़ी में नमो मंत्र फाउंडेशन की तरफ से जिस प्रकार वर्चुअल रामलीला का आयोजन हो रहा है. उससे अलग-अलग स्कूल कॉलेज के छात्रों को जोड़ा जाएगा. इसके लिए नमो मंत्र फाउंडेशन कई एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रहा है.
'युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का बेहतर मौका'
इसी क्रम में सेम एनजीओ की डायरेक्टर साध्वी प्रज्ञा भारती ने ईटीवी भारत को बताया मौजूदा समय में बेहद आवश्यक है कि युवा हमारी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े और क्योंकि कोरोना के कारण सामाजिक तौर पर आयोजन नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन कराया जा रहा है. और यह एक बेहतर मौका है जब युवाओं को हम भारतीय सभ्यता से सीधे तौर पर जोड़ सकते हैं.
'श्री राम के व्यक्तित्व और विचार को जानना लाभकारी'
साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि कई बार युवा हमारे धर्म संस्कृति और सभ्यता से जुड़ने में कतराते हैं. लेकिन यदि उन्हें आकर्षक और अच्छे तरीके से बताया जाए, तो वह इस में भाग लेते हैं. और क्योंकि रामलीला का समय है और भगवान राम जिनका व्यक्तित्व विचार और भाव हर एक युवा को जानना बेहद आवश्यक है. जिससे कि वह उनके आदर्शों और विचारों को अपना सके और उनके बताए हुए रास्तों पर चल सके.
'चुनौतियों से लड़ना सिखाते हैं भगवान श्री राम'
साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि हम अलग-अलग स्कूल और कॉलेज के प्रिंसिपल से बात कर रहे हैं और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से इडिजिटल रामलीला दिखाए जाने पर चर्चा की जा रही है. जिससे कि युवा भगवान श्री राम के विचारों से अवगत हो. क्योंकि आज हम देखते हैं कि युवा कई बार परेशानियों के आगे हार मानकर घुटने टेक देते हैं, लेकिन भगवान श्रीराम ने जिस प्रकार अपने जीवन में संघर्ष के साथ कई चुनौतियों को पार किया और भाईचारे का संदेश दिया. यह आज के युवाओं को जानना बेहद आवश्यक है. इसी से हम एक उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.