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रेलवे यात्रियों को सस्ता पानी मिलना हुआ बंद, धूल फांक रहीं वॉटर वेंडिंग मशीनें - IRCTC shuts down water vending machines

दिल्ली के लगभग सभी रेलवे स्टेशनों में साल 2016-17 में RO वाटर डिस्पेंसर लगाए गए थे. लेकिन आज अधिकतर वॉटर डिस्पेंसर स्टेशन पर धूल फांक रहे हैं. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक IRCTC ने वॉटर वेंडिंग मशीनों के लिए किए गए अनुबंध को समाप्त कर दिया है. अब सिर्फ एक अनुबंध ही जारी है. ऐसे में लोगों को सस्ता पानी मिलना बंद हो गया है और वे पीने के पानी के लिए रेल नीर पर निर्भर हैं.

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धूल फांक रहीं वॉटर वेंडिंग मशीनें
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Published : Jul 29, 2021, 1:00 PM IST

नई दिल्ली: रेल यात्रियों को साफ और सस्ता पीने का पानी देने के लिए साल 2016-17 में पानीसा योजना की शुरुआत हुई थी. जिसके चलते दिल्ली के सभी बड़े स्टेशनों पर इसके लिए आरओ वाटर डिस्पेंसर लगाए गए थे. लेकिन आज अधिकतर वॉटर डिस्पेंसर स्टेशन पर धूल फांक रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, साल 2016-17 में दिल्ली के सभी बड़े स्टेशनों पर IRCTC द्वारा वॉटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई थी. इसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सबसे अधिक 15, पुरानी दिल्ली स्टेशन पर 12, हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर 7, आनंद विहार पर 3, दिल्ली सराय रोहिल्ला पर 2 और दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर एक मशीन मिलाकर कुल 43 मशीनें लगाई गई थीं.

रेलवे स्टेशन में धूल फांक रहीं वॉटर वेंडिंग मशीनें

इन मशीनों से पानी लेने के लिए यात्रियों को 1 रुपये से लेकर 25 तक देना होता था. एक रुपए में 300ml से लेकर 20 रुपये में यहां 5 लीटर तक पानी मिल सकता था. खास बात ये थी कि अगर किसी यात्री के पास अपनी कोई बोतल या बर्तन नहीं है तो पानी सा ही यहां पर थोड़े अतिरिक्त रुपए वसूल कर अपने पात्र में पानी देता था.

normal drinking water
सामान्य पीने का पानी

शुरुआत में दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर इस योजना का बहुत अच्छा रुझान देखने को मिला जबकि लोग पानी की बोतल न खरीद कर अपनी जरूरत के हिसाब से कम पैसों में पानी ले रहे थे. लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ कि यह योजना ही बंद हो गई.

रेल अधिकारियों की मानें तो मौजूदा समय में दिल्ली कैंट और सराय रोहिल्ला स्टेशन पर यह मशीन अभी भी चल रही है. जबकि अन्य सभी स्टेशनों पर अब यह बंद पड़ी है. दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक SC जैन के मुताबिक साल 2015 के वाणिज्यिक परिपत्र के हिसाब से IRCTC द्वारा वॉटर वेंडिंग मशीनों का आवंटन किया गया था. मौजूदा समय में IRCTC द्वारा अर्थ वॉटर लिमिटेड के मशीनों के तीन अनुबंधों को समाप्त कर दिया गया है और एक अनुबंध अभी अस्तित्व में है, जिसके चलते केवल तीन स्टेशनों पर यह वॉटर वेंडिंग मशीन चल रही है.

water dispenser scheme at railway stations failed
धूल फांक रहीं वॉटर वेंडिंग मशीनें

उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी करतार सिंह भी कुछ ऐसा ही बताते हैं. उनका कहना है कि रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार मोटर वेंडिंग मशीनों का आवंटन रेलवे जोनल लेवल पर किया जाएगा. जिसके लिए हेड क्वार्टर ऑफिस से सुझाव मांगे गए हैं और इसके लिए नई गाइडलाइन विचाराधीन है. अधिकारियों से इस संबंध में सवाल किया जाए कि क्या योजना बंद हो गई है, तब वो इस बात से इंकार कर देते हैं.

उधर इस योजना के बंद हो जाने के चलते रेल यात्रियों के लिए रेल नीर बोतलों पर आश्रित रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. यूं तो स्टेशनों पर वाटर टेप के जरिए यात्रियों को पानी पिलाने की सुविधा होती है लेकिन बहुत कम लोग टैप का इस्तेमाल करते हैं. रेलवे के आंकड़े कहते हैं कि नई दिल्ली स्टेशन पर मौजूदा समय में रेल नीर की करीब 1500 पेटी हर महीने खर्च हो जाती हैं तो वहीं पुरानी दिल्ली पर यह आंकड़ा 1200 पेटी का है. सीधे तौर पर देखें तो यात्रियों को 5 रुपये में मिलने वाला पानी अब 15 रुपये में मिल रहा है लेकिन इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है.

नई दिल्ली: रेल यात्रियों को साफ और सस्ता पीने का पानी देने के लिए साल 2016-17 में पानीसा योजना की शुरुआत हुई थी. जिसके चलते दिल्ली के सभी बड़े स्टेशनों पर इसके लिए आरओ वाटर डिस्पेंसर लगाए गए थे. लेकिन आज अधिकतर वॉटर डिस्पेंसर स्टेशन पर धूल फांक रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, साल 2016-17 में दिल्ली के सभी बड़े स्टेशनों पर IRCTC द्वारा वॉटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई थी. इसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सबसे अधिक 15, पुरानी दिल्ली स्टेशन पर 12, हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर 7, आनंद विहार पर 3, दिल्ली सराय रोहिल्ला पर 2 और दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर एक मशीन मिलाकर कुल 43 मशीनें लगाई गई थीं.

रेलवे स्टेशन में धूल फांक रहीं वॉटर वेंडिंग मशीनें

इन मशीनों से पानी लेने के लिए यात्रियों को 1 रुपये से लेकर 25 तक देना होता था. एक रुपए में 300ml से लेकर 20 रुपये में यहां 5 लीटर तक पानी मिल सकता था. खास बात ये थी कि अगर किसी यात्री के पास अपनी कोई बोतल या बर्तन नहीं है तो पानी सा ही यहां पर थोड़े अतिरिक्त रुपए वसूल कर अपने पात्र में पानी देता था.

normal drinking water
सामान्य पीने का पानी

शुरुआत में दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर इस योजना का बहुत अच्छा रुझान देखने को मिला जबकि लोग पानी की बोतल न खरीद कर अपनी जरूरत के हिसाब से कम पैसों में पानी ले रहे थे. लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ कि यह योजना ही बंद हो गई.

रेल अधिकारियों की मानें तो मौजूदा समय में दिल्ली कैंट और सराय रोहिल्ला स्टेशन पर यह मशीन अभी भी चल रही है. जबकि अन्य सभी स्टेशनों पर अब यह बंद पड़ी है. दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक SC जैन के मुताबिक साल 2015 के वाणिज्यिक परिपत्र के हिसाब से IRCTC द्वारा वॉटर वेंडिंग मशीनों का आवंटन किया गया था. मौजूदा समय में IRCTC द्वारा अर्थ वॉटर लिमिटेड के मशीनों के तीन अनुबंधों को समाप्त कर दिया गया है और एक अनुबंध अभी अस्तित्व में है, जिसके चलते केवल तीन स्टेशनों पर यह वॉटर वेंडिंग मशीन चल रही है.

water dispenser scheme at railway stations failed
धूल फांक रहीं वॉटर वेंडिंग मशीनें

उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी करतार सिंह भी कुछ ऐसा ही बताते हैं. उनका कहना है कि रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार मोटर वेंडिंग मशीनों का आवंटन रेलवे जोनल लेवल पर किया जाएगा. जिसके लिए हेड क्वार्टर ऑफिस से सुझाव मांगे गए हैं और इसके लिए नई गाइडलाइन विचाराधीन है. अधिकारियों से इस संबंध में सवाल किया जाए कि क्या योजना बंद हो गई है, तब वो इस बात से इंकार कर देते हैं.

उधर इस योजना के बंद हो जाने के चलते रेल यात्रियों के लिए रेल नीर बोतलों पर आश्रित रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. यूं तो स्टेशनों पर वाटर टेप के जरिए यात्रियों को पानी पिलाने की सुविधा होती है लेकिन बहुत कम लोग टैप का इस्तेमाल करते हैं. रेलवे के आंकड़े कहते हैं कि नई दिल्ली स्टेशन पर मौजूदा समय में रेल नीर की करीब 1500 पेटी हर महीने खर्च हो जाती हैं तो वहीं पुरानी दिल्ली पर यह आंकड़ा 1200 पेटी का है. सीधे तौर पर देखें तो यात्रियों को 5 रुपये में मिलने वाला पानी अब 15 रुपये में मिल रहा है लेकिन इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है.

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