नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन द्वारा दायर मानहानि मामले में पेश न होने पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ वारंट जारी किया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने कपिल मिश्रा को 27 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया.
दरअसल सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा न तो खुद कोर्ट में पेश हुए न उनकी ओर से कोई वकील पेश हुआ. उसके बाद कोर्ट ने दस हजार के मुचलके वाला वारंट जारी करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता पेश हुए. मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से वकील प्रसून पेश हुए और पेशी से छूट की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट की अनुमति दे दी. इमरान हुसैन की ओर से वकील बीएस जून और मोहम्मद इरशाद ने भी पेशी से छूट की मांग की. कोर्ट ने इमरान हुसैन की व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग को स्वीकार कर लिया.
इमरान हुसैन ने दायर किया है मानहानि का केस
इमरान हुसैन ने बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया है. 9 अक्टूबर 2019 को भी कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ वारंट जारी किया था. पिछले 12 जुलाई को कोर्ट ने विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा को बतौर आरोपी नोटिस जारी किया था. इमरान हुसैन ने तीनों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करवाया है. इमरान का आरोप है कि दिल्ली में 17 हजार पेड़ों को काटने के आदेश वाले मामले में तीनों ने उन पर झूठे आरोप लगाए थे.
इमरान हुसैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे
इन तीनों विधायकों ने जून 2018 में एक विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें इमरान हुसैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कथित तौर पर पोस्टर लगवाए थे, जिनपर लिखा था कि केजरीवाल सरकार के मंत्री इमरान हुसैन ने 23 करोड़ रुपये लेकर पेड़ काटने की अनुमति दी. इमरान पहले भी उस आरोप को गलत और निराधार बता चुके हैं. इमरान हुसैन ने इस मामले में तीनों को लीगल नोटिस भेजा था.