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दिल्ली सरकार के खिलाफ वोकेशनल टीचर्स ने खोला मोर्चा, सिसोदिया के घर के बाहर किया प्रदर्शन

इन्हीं सब मांगों को लेकर ये वोकेशनल टीचर्स आज शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इनमें से कई शिक्षकों से बातचीत की. इनका कहना है कि ये शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठा रहे हैं. इन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शिक्षा मंत्री तक हमारी बात पहुंचे.

शिक्षकों का शिक्षा मंत्री सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन
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Published : Oct 12, 2019, 3:26 PM IST

नई दिल्ली : सैकड़ों वोकेशनल टीचर्स शनिवार को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

दिल्ली सरकार के स्कूलों में स्थायी और ठेके पर काम करने वाले शिक्षकों के अलावा वोकेशनल टीचर्स भी विभिन्न निजी कंपनियों के जरिए रखे जाते हैं. 5 साल पहले ऐसे ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन तब से अब तक ना तो इनके वेतन में कोई बढ़ोतरी हुई और ना ही बाकी शिक्षकों को मिलने वाली कोई सुविधाएं मिल रही हैं.

शिक्षकों का शिक्षा मंत्री सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन

शिक्षकों का सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन

इन्हीं सब मांगों को लेकर ये वोकेशनल टीचर्स आज शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इनमें से कई शिक्षकों से बातचीत की. इनका कहना है कि ये शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठा रहे हैं. इन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शिक्षा मंत्री तक हमारी बात पहुंचे.

'सरकार हमारी सुध नहीं ले रही'

इनमें भारी संख्या में महिला शिक्षक भी हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बाकी शिक्षकों की तरह कोई सुविधाएं नहीं मिलती. उनका यह भी कहना था कि हम बच्चों को कई तरह की ट्रेनिंग भी देते हैं. उनके कैंपस प्लेसमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा में बदलाव के जो दावे किए जा रहे हैं, उसमें हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन सरकार हमारी सुध नहीं ले रही.

इस प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षक ने बताया कि 5 साल पहले जब हमारी नियुक्ति हुई थी तो हमें 20 हजार रुपये मिल रहे थे. लेकिन वर्तमान समय में बढ़ोतरी तो दूर, उसमें कमी ही आ गई है और अभी हमारे हाथ में मात्र साढ़े 17 हजार रुपये ही आ रहे हैं.

नई दिल्ली : सैकड़ों वोकेशनल टीचर्स शनिवार को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

दिल्ली सरकार के स्कूलों में स्थायी और ठेके पर काम करने वाले शिक्षकों के अलावा वोकेशनल टीचर्स भी विभिन्न निजी कंपनियों के जरिए रखे जाते हैं. 5 साल पहले ऐसे ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन तब से अब तक ना तो इनके वेतन में कोई बढ़ोतरी हुई और ना ही बाकी शिक्षकों को मिलने वाली कोई सुविधाएं मिल रही हैं.

शिक्षकों का शिक्षा मंत्री सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन

शिक्षकों का सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन

इन्हीं सब मांगों को लेकर ये वोकेशनल टीचर्स आज शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इनमें से कई शिक्षकों से बातचीत की. इनका कहना है कि ये शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठा रहे हैं. इन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शिक्षा मंत्री तक हमारी बात पहुंचे.

'सरकार हमारी सुध नहीं ले रही'

इनमें भारी संख्या में महिला शिक्षक भी हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बाकी शिक्षकों की तरह कोई सुविधाएं नहीं मिलती. उनका यह भी कहना था कि हम बच्चों को कई तरह की ट्रेनिंग भी देते हैं. उनके कैंपस प्लेसमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा में बदलाव के जो दावे किए जा रहे हैं, उसमें हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन सरकार हमारी सुध नहीं ले रही.

इस प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षक ने बताया कि 5 साल पहले जब हमारी नियुक्ति हुई थी तो हमें 20 हजार रुपये मिल रहे थे. लेकिन वर्तमान समय में बढ़ोतरी तो दूर, उसमें कमी ही आ गई है और अभी हमारे हाथ में मात्र साढ़े 17 हजार रुपये ही आ रहे हैं.

Intro:दिल्ली सरकार के स्कूलों में काम करने वाले सैकड़ों वोकेशनल टीचर्स आज शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.


Body:नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में स्थायी और ठेके पर काम करने वाले शिक्षकों के अलावा वोकेशनल टीचर्स भी विभिन्न निजी कंपनियों के जरिए रखे जाते हैं. 5 साल पहले ऐसे ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन तब से अब तक ना तो इनके वेतन में कोई बढ़ोतरी हुई और ना ही बाकी शिक्षकों को मिलने वाली कोई सुविधाएं मिल रही हैं.

इन्हीं सब मांगों को लेकर ये सैकड़ों वोकेशनल टीचर्स आज शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इनमें से कई शिक्षकों से बातचीत की और इनका कहना है कि ये शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठा रहे हैं. इन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शिक्षा मंत्री तक हमारी बात पहुंचे.

इनमें भारी संख्या में महिला शिक्षक भी हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बाकी शिक्षकों की तरह कोई सुविधाएं नहीं मिलती. उनका यह भी कहना था कि हम बच्चों को कई तरह की ट्रेनिंग भी देते हैं, उनके कैंपस प्लेसमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा में बदलाव के जो दावे किए जा रहे हैं, उसमें हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन सरकार हमारी सुध नहीं ले रही.

इस प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षक ने बताया कि 5 साल पहले जब हमारी नियुक्ति हुई थी तो हमें 20 हजार रुपए मिल रहे थे, लेकिन वर्तमान समय में बढ़ोतरी तो दूर, उसमें कमी ही आ गई है और अभी हमारे हाथ में मात्र साढ़े 17 हजार रुपए आ रहे हैं.


Conclusion:इनका कहना था कि ये मनीष सिसोदिया से मुलाकात कर अपनी मांग से अवगत करा चुके हैं और उन्होंने आज मिलने के लिए कहा था, लेकिन आज जब हम पहुंचे तो उनसे मुलाकात ही नहीं हो पा रही है. इन्होंने कहा कि हम काम करते हुए अपनी मांग उठा रहे हैं. आज चूंकि दूसरा शनिवार है और आज छुट्टी का दिन है, इसलिए हम अपनी मांग लेकर सामने आए हैं.
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