नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत देशभर में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय कभी भी आपके कार्ड की जानकारी चोरी हो सकती है, लेकिन अगर आप वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी जानकारी चोरी होने पर भी साइबर ठग आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा.
अधिकांश बैंक अपने एप में वर्चुअल कार्ड की सुविधा दे रही हैं. आवश्यकता है तो बस लोगों के साथ इसके इस्तेमाल की जानकारी साझा करने की.
ऐसे होती ही ऑनलाइन ठगी
जानकारी के अनुसार ऑनलाइन ठगी में यह देखने में आया है कि साइबर ठग हमारे कंप्यूटर या मोबाइल को हैक कर हमारे डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी कर लेते हैं. यह जानकारी तब चोरी की जाती है जब लोग ऑनलाइन पेमेंट के लिए अपने कार्ड की जानकारी एवं पिन नंबर डालते हैं. कई ऐसी वेबसाइट होती हैं जहां पर आपके द्वारा कार्ड की जानकारी डालना सुरक्षित नहीं होता.
क्या होता है वर्चुअल कार्ड
वर्चुअल कार्ड एक ऐसा कार्ड होता है जो केवल 24 से 48 घंटे के लिए ही वैलिड होता है. इस कार्ड में आप अपनी आवश्यकता के अनुसार बैंक खाते से पैसा डाल सकते हैं. वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल कर आप ऑनलाइन खरीदारी से लेकर ऑनलाइन पेमेंट तक कर सकते हैं.
आपने अगर इस कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया तो अगले 24 से 48 घंटे में यह रकम वापस आपके बैंक खाते में चली जायेगी. इसके साथ ही आपके द्वारा लिया गया वर्चुअल कार्ड खत्म हो जाएगा.
अपराधी नहीं पहुंचा सकते बड़ा नुकसान
वर्चुअल कार्ड बनाते समय लोग इसमें 100 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक डालते हैं. ऐसे में अगर एक फीसदी साइबर ठग ने आपके वर्चुअल कार्ड की जानकारी चोरी भी कर ली तो वह मामूली रकम ही चोरी कर सकता है. वह आपके बैंक खाते तक नहीं पहुंच पायेगा जहां आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई रखी हुई है.