नई दिल्ली/नोएडा: 28 अगस्त 2022 को सेक्टर 93 ए स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को गिरा दिया गया था. महज कुछ ही सेकंड में 32 मंजिला इमारत पूरी तरह से जमींदोज हो गई थी. इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी जीत बताया गया था, लेकिन अभी तक इसके निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है. वहीं, एक साल बाद भी ट्विन टावर की जमीन को लेकर विवाद समाप्त नहीं हुआ है.
ट्विन टावर को ध्वस्त कराने वाली समिति अब जमीन पर अपना दावा ठोक रही है. वहीं, बिल्डर जमीन पर अपना मालिकाना हक जता रहे हैं. इसी के मद्देनजर दोनों के बीच आज भी खींचतान जारी है. फिलहाल मौके पर एमेरल्ड कोर्ट समिति के लोगों द्वारा विजयपथ नाम से बोर्ड लगा दिया गया है. वहां पौधरोपण भी किया गया है. भ्रष्टाचार से बनी बहुमन मंजिला इमारत को लेकर शासन की ओर से गठित एसआईटी की जांच के बाद 26 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.
एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया का कहना है कि आरोपी अफसरों के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई होनी चाहिए थी, आज एक साल बीत गया, लेकिन अभी तक कार्रवाई न होना दुखद है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम लोगों ने ट्विन टावर को ध्वस्त करने में संघर्ष किया. उसी तरह से अब उसे जमीन को हासिल करने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे.
ट्विन टावर का विवाद अभी जारी: नोएडा प्राधिकरण ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि यह एक प्लॉट है, इसकी फेंसिंग नहीं हो सकती है. यह सोसायटी का कॉमन एरिया है, जिसे सोसायटी के लोग इस्तेमाल कर सकते हैं. प्राधिकरण की तरफ से सोसाइटी और बिल्डर को किसी भी प्रकार से निर्माण और कब्जा करने से रोक रखा है.
ट्विन टावर दास्तान एओए अध्यक्ष की जुबानी: ट्विन टावर के बनने से लेकर गिरने तक की 10 वर्षों के संघर्ष की कहानी बयाँ करते हुए तेवतिया ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में पार्क की जमीन पर बिल्डर ने प्राधिकरण अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके 32 और 29 मंजिल के दो टावर का निर्माण कराया था. इसके खिलाफ सोसाइटी की एओए ने आवाज उठानी शुरू की. प्राधिकरण में लगातार शिकायत करने के बाद कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद एओए ने 2012 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और बिल्डर द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण की शिकायत की.
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनने के बाद ट्विन टावर गिराने का फैसला दिया. इस मामले में सुपरटेक बिल्डर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई. सुनवाई की तमाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एओए के पक्ष में फैसला सुनाया और ट्वीन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया. इसके बाद तमाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद 28 अगस्त 22 को ये दोनों टावर ध्वस्त किए गए.
अध्यक्ष एओए एमरॉल्ड कोर्ट का कहना: एओए एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया का कहना है कि कार्यवाई करने का काम सरकार का है. जानकारी मिलती रहती है की कार्रवाई चल रही है. कई लोग सस्पेंड हैं. जहां तक हमारी सोसाइटी की बात है. हमारी शुरू से मांग थी कि इन टावरों को हटाया जाए, जिससे हमारे रेजिडेंस की सेफ्टी और हवा, पानी और लाइट तीनों चीज मिल जाए. इन टावरों के हटने से लोग खुश हैं. हमारे एरिया का रेट भी 5 हज़ार स्क्वायर मीटर से बढ़कर 10 हज़ार स्क्वायर मीटर हो गया है.
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