नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में सैकड़ों पदों पर हुई नियुक्तियों को अवैध बताते हुए उपराज्यपाल द्वारा रद्द करने के आदेश के बाद बुधवार को सेवा विभाग में इन सभी विभागों के सचिवों को नियुक्तियां रद्द करने का आदेश जारी किया गया है. इन पदों के लिए कुछ समय बाद भर्तियां होंगीं. आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार द्वारा अलग-अलग विभागों में स्पेशलिस्ट, फेलो, सीनियर फेलो, असिस्टेंट, मीडिया एडवाइजर, विशेषज्ञ आदि पदों के लिए हुई करीब 400 लोगों की नियुक्ति को नियमों का उल्लंघन हवाला देते हुए सभी नियुक्तियां रद्द कर दी थी.
उपराज्यपाल के आदेश पर अब इन सभी पदों को नियमानुसार दोबारा भरा जाएगा. सेवा विभाग के विशेष सचिव राजशेखर ने दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों, बोर्ड, निगमों, स्वायत्त निकायों में अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए सर्कुलर जारी किया है. सभी विभाग के सचिवों को इस पर तुरंत काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली सरकार द्वारा कुल 437 पदों के लिए वैकेंसी निकाली जाएगी. दिल्ली सरकार के सेवा विभाग द्वारा जारी नियुक्तियों के संबंध में विस्तृत जानकारी यहां देखें.
सेवा विभाग के विशेष सचिव राजशेखर ने दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों, बोर्ड, निगमों, स्वायत्त निकायों में अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए सर्कुलर जारी किया है. सभी विभाग के सचिवों को इस पर तुरंत काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें दिल्ली सरकार द्वारा कुल 437 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. अब जब इन पदों पर जिन लोगों की नियुक्तियां होंगी, उन्हें 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की सैलरी मिलेगी.
बता दें, आम आदमी पार्टी (आप) शासित दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के पदों पर सालों से कार्यरत लगभग 400 निजी लोगों की सेवाएं सोमवार को समाप्त कर दी गई थी. इसमें फेलो, सहयोगी, सलाहकार, उप. सलाहकार, विशेषज्ञ, वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी, सलाहकार आदि जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अलग-अलग विभागों में तैनात लोग शामिल थे. इन सभी की नियुक्ति को उपराज्यपाल कार्यालय ने अवैध करार दिया था.
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उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इन सभी की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश दिए थे. आरोप है कि इन सभी की नियुक्ति, गैर-पारदर्शी तरीके से और सक्षम प्राधिकारी की अनिवार्य मंजूरी प्राप्त किए बिना हुई थी. इन लोगों की नियुक्ति में डीओपीटी द्वारा निर्धारित एससी/एसटी/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया था. वहीं कई चयनित उम्मीदवार पात्रता मानदंड (शैक्षिक योग्यता/कार्य अनुभव) को पूरा नहीं कर रहे थे.
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