नई दिल्ली: संसद में हुई सुरक्षा की चूक के बाद विपक्ष की तरफ से उठाए जा रहे तमाम सवालों के जवाब शनिवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल ने दिया. विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जिन संसद सदस्यों को निलंबित किया गया है उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है. सांसदों के निलंबन का सुरक्षा चूक से कोई संबंध नहीं है. यह दोनों अलग-अलग विषय है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इंडिया गठबंधन के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वही लोग हैं, जो देश के अंदर टुकड़े-टुकड़े गैंग की वकालत करते थे. मेरा सभी सांसदों से अनुरोध है कि जनता के मुद्दों को संसद में उठाएं और सदन चलने दें. लोकसभा अध्यक्ष पूरे देश के स्पीकर हैं. सदन में देश के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. संसद की सुरक्षा में जो चूक हुई है, उसको लेकर जांच चल रही है.
सांसदों के निलंबन पर ओम बिड़ला का पत्र: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद में सुरक्षा की चूक को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शनिवार को सभी सांसदों को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में यह भी लिखा गया कि संसद सदस्यों का निलंबन इसलिए हुआ है क्योंकि वह सदन में पोस्टर लेकर आए और सदन को चलने नहीं दिया. विरोध करने के इस तरीके से देशवासियों का विश्वास टूट रहा है. अगर विपक्ष संसद को नहीं चलने देगा तो देशवासियों की आवाज सरकार के पास कैसे पहुंचेगी.
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा कि लोकसभा सांसद होने के नाते मेरा अनुभव रहा है कि बिना किसी पक्षपात के लोकसभा अध्यक्ष ने राष्ट्र के हर मुद्दे पर सभी पक्ष के नेताओं को अपना पक्ष रखने का मौका दिया है. सांसद होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम सदन की गरिमा को आहत न करें. लोकसभा के स्पीकर किसी पक्ष के नहीं राष्ट्र के हैं. पत्र में यह दिखाई दिया है कि जिन सांसदों का निलंबन हुआ है, उन्होंने सदन की मर्यादा को छिन्न-भिन्न किया है. अब उस कार्रवाई को एक राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.