नई दिल्ली: देश भर में आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य करने वाली नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) G-20 शिखर सम्मेलन में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में अहम भूमिका निभाएगी. सम्मेलन के दौरान आईटीपीओ पर एनडीआरएफ के दो हैजमेट वाहन तैनात रहेंगे. ये वाहन केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर (सीबीआरएन) हमलों को रोकने में मदद करेगा. दरअसल इसमें लगे अत्याधुनिक सेंसर सीबीआरएन पदार्थों का दूर से पता लगा लेंगे. और हैजमेट के साथ तैनात एनडीआरएफ के प्रशिक्षित जवान हमले की साजिश को नाकाम कर देंगे.
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आगामी 9 और 10 सितंबर को दिल्ली के प्रगति मैदान में G-20 का शिखर सम्मेलन होना है, जिसमें G-20 समूह के देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे. अतिथियों के आवागमन में कोई समस्या ना हो और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए दिल्ली में 8 से 10 सितंबर तक सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध भी किए गए जा रहे हैं.
एनडीआरफ के वरिष्ठ अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक हैजमेट वाहनों के जरिए केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर पदार्थ का पता लगाया जा सकेगा, जिससे G 20 शिखर सम्मेलन में हवा, पानी और तरंगों के जरिए भी किसी तरह के हमले की साजिश नाकाम होगी.
इस तरह काम करता है हैजमेट वाहन
एनडीआरफ अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक हैजमेट में अत्यधिक सेंसर लगे होते हैं जो हवा के जरिए पता कर लेते हैं कि कहां पर कितनी मात्रा में केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर पदार्थ हैं. इतना ही नहीं अत्याधुनिक हैजमेट वाहन यह भी बताता है कि किस तरह का पदार्थ है और उससे क्या-क्या खतरा हो सकता है. इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है.
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