नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले 22 जनवरी को सोमनाथ भारती को सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में दोषी ठहराया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय सुनवाई करेंगे.
सितंबर 2016 की घटना
कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडेय को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 353, 147 और 149 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया है. घटना 9 सितंबर 2016 की है. एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को एफआईआर दर्ज कराया था.
एम्स की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आरोप
आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब तीन सौ समर्थकों के साथन नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे. जब एम्स के सुरक्षा अधिकारियों ने जब सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है.
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इस बाबत जब उनसे कागजात मांगे गए तो वे कोई कागजात नहीं दिखाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी और हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आईं. एफआईआर के मुताबिक सोमनाथ भारती के साथ भीड़ ने बाउंड्री वाल पर लगे कंटीले तारों को हटा दिया.
पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 323,147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत चार्जशीट दाखिल किया. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ 20 नवंबर 2018 को धारा 323, 353, 147, 149 के तहत चार्जशीट पर संज्ञान लिया। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे.