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कोरोना के चलते मिली पैरोल को बढ़ाने पर विचार, सरकार को भेजा प्रस्ताव

कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद लॉकडाउन के समय में यहां से लगभग 3500 कैदियों को जमानत एवं पैरोल पर छोड़ा गया था. कैदियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए तिहाड़ प्रशासन ये प्रयास कर रहा है कि इनकी पैरोल अवधि को बढ़ाया जा सके. इसके लिए उन्होंने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर इनकी जमानत अवधि एवं पैरोल को बढ़ाने की मांग की है.

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तिहाड़ प्रशासन
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Published : Oct 3, 2020, 12:24 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के चलते जेल से पैरोल एवं अंतरिम जमानत पाने वाले तीन हजार से ज्यादा कैदियों को राहत मिल सकती है. कोरोना की रफ्तार के चलते इनकी पैरोल अवधि को तीन महीने बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए तिहाड़ प्रशासन की तरफ से दिल्ली सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार की अनुमति के बाद इस बाबत अदालत से आदेश लिए जा सकते हैं.

तिहाड़ प्रशासन ने भेजा प्रस्ताव
जानकारी के मुताबिक दिल्ली की तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल में कैदियों की संख्या क्षमता से ज्यादा है. जेल की क्षमता जहां लगभग 10 हजार है, तो वहीं अभी के समय में 15 हजार से ज्यादा कैदी जेल में बंद है. कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद लॉकडाउन के समय में यहां से लगभग 3500 कैदियों को जमानत एवं पैरोल पर छोड़ा गया था.

इसका मकसद था कि यहां रहने वाले कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा सके और उन्हें सुरक्षित रखा जा सके. इसके साथ ही वो भी सुरक्षित रहें जिन कैदियों को छोड़ा जा रहा है. ये कैदी बीते तीन-चार महीने से जमानत पर एवं पैरोल पर चल रहे हैं. इनकी अवधि जल्द ही खत्म होने वाली है.


तिहाड़ प्रशासन ने लिखा सरकार को पत्र

कैदियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए तिहाड़ प्रशासन ये प्रयास कर रहा है कि इनकी पैरोल अवधि को बढ़ाया जा सके. इसके लिए उन्होंने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर इनकी जमानत अवधि एवं पैरोल को बढ़ाने की मांग की है.

तिहाड़ प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि अगर इन कैदियों को अभी जेल में वापस लाया जाता है तो वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में काफी दिक्कत आएगी. इससे कैदियों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहेगा. उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि वह पैरोल पर चल रहे कैदियों की पैरोल को 2 से 3 महीने के लिए बढ़ा दें.


फिलहाल जेल कोरोना से है मुक्त

जेल सूत्रों के मुताबिक बीते अप्रैल महीना से जेल में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे थे. जेल के कर्मचारी और विचाराधीन कैदी मिलाकर लगभग 150 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए थे. खुद तिहाड़ जेल के डीजी भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. लेकिन तिहाड़ प्रशासन की ओर से किए गए तमाम इंतजाम की वजह से फिलहाल जेल में कोई भी पुराना कैदी या कर्मचारी कोरोना से संक्रमित नहीं है. वहीं जेल पहुंचने वाले प्रत्येक कैदी की कोविड जांच के बाद ही उसे जेल में लिया जाता है. अंदर आने पर भी उसे 14 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाता है.

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के चलते जेल से पैरोल एवं अंतरिम जमानत पाने वाले तीन हजार से ज्यादा कैदियों को राहत मिल सकती है. कोरोना की रफ्तार के चलते इनकी पैरोल अवधि को तीन महीने बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए तिहाड़ प्रशासन की तरफ से दिल्ली सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार की अनुमति के बाद इस बाबत अदालत से आदेश लिए जा सकते हैं.

तिहाड़ प्रशासन ने भेजा प्रस्ताव
जानकारी के मुताबिक दिल्ली की तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल में कैदियों की संख्या क्षमता से ज्यादा है. जेल की क्षमता जहां लगभग 10 हजार है, तो वहीं अभी के समय में 15 हजार से ज्यादा कैदी जेल में बंद है. कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद लॉकडाउन के समय में यहां से लगभग 3500 कैदियों को जमानत एवं पैरोल पर छोड़ा गया था.

इसका मकसद था कि यहां रहने वाले कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा सके और उन्हें सुरक्षित रखा जा सके. इसके साथ ही वो भी सुरक्षित रहें जिन कैदियों को छोड़ा जा रहा है. ये कैदी बीते तीन-चार महीने से जमानत पर एवं पैरोल पर चल रहे हैं. इनकी अवधि जल्द ही खत्म होने वाली है.


तिहाड़ प्रशासन ने लिखा सरकार को पत्र

कैदियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए तिहाड़ प्रशासन ये प्रयास कर रहा है कि इनकी पैरोल अवधि को बढ़ाया जा सके. इसके लिए उन्होंने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर इनकी जमानत अवधि एवं पैरोल को बढ़ाने की मांग की है.

तिहाड़ प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि अगर इन कैदियों को अभी जेल में वापस लाया जाता है तो वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में काफी दिक्कत आएगी. इससे कैदियों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहेगा. उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि वह पैरोल पर चल रहे कैदियों की पैरोल को 2 से 3 महीने के लिए बढ़ा दें.


फिलहाल जेल कोरोना से है मुक्त

जेल सूत्रों के मुताबिक बीते अप्रैल महीना से जेल में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे थे. जेल के कर्मचारी और विचाराधीन कैदी मिलाकर लगभग 150 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए थे. खुद तिहाड़ जेल के डीजी भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. लेकिन तिहाड़ प्रशासन की ओर से किए गए तमाम इंतजाम की वजह से फिलहाल जेल में कोई भी पुराना कैदी या कर्मचारी कोरोना से संक्रमित नहीं है. वहीं जेल पहुंचने वाले प्रत्येक कैदी की कोविड जांच के बाद ही उसे जेल में लिया जाता है. अंदर आने पर भी उसे 14 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाता है.

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