नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल की महारैली हुई. महारैली में सुबह से ही कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. रामलीला मैदान जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई. एंट्री गेट पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनात की गई. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि पैरामिलिट्री फोर्स की 12 कंपनियां तैनात की गई. साथ ही सीसीटीवी कैमरों के जरिए रामलीला मैदान में नजर रखी जा रही थी.
रामलीला मैदान में आधे दर्जन एंट्री गेट: रामलीला मैदान में आयोजित महारैली में आने के लिए कई एंट्री गेट बनाए गए. दो गेट विधायक, सांसद वीआईपी गेस्टों के लिए बनाया गया था. जबकि गेट नंबर 2 मीडिया के लिए था. बाकी अन्य 3, 4, 5 गेट आम लोगों के लिए था. यहां पर दिल्ली पुलिस और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया था. यहां आने वाले लोगों की जांच पड़ताल करने के बाद ही रामलीला मैदान में भेजा जा रहा था.
तस्वीर रामलीला मैदान के वीआईपी एंट्री गेट का है. इस रैली में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग जिलों से महिला कार्यकर्ता पहुंचे. इसके साथ ही रैली में कुछ लोग ऐसे भी थे जिनको पता ही नहीं था कि रैली किस वजह से की जा रही है. उन्हें सिर्फ यह कह कर लाया कि आज केजरीवाल की महारैली है. ज्यादातर लोगों का कहना था कि वह अपनी समस्याओं को बताने के लिए इस महारैली में शामिल होने जा रही है.
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महारैली में शामिल कार्यकर्ताओं का कहना था कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार तानाशाही शासन चला रही है. उसके विरोध में यह रैली आयोजिक की गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के लिए अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनके कार्यों में रुकावट डाल रही है.
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