नई दिल्लीः शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में दिल्ली के उर्जा मंत्री रहे तीन कांग्रेस नेताओं ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से सोमवार को मुलाकात की. इन्होंने केजरीवाल सरकार पर बिजली सब्सिडी के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया. और इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. इनका आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने 5000 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी में घोटाला किया है. (CBI probe into power subsidy scam in Kejriwal government)
इन कांग्रेसी नेताओं में अजय माकन, हारून यूसुफ एवं नरेंद्र नाथ शामिल थे. तीनों नेताओं ने एलजी से बिजली सब्सिडी घोटाले की CBI जांच कराने की मांग की. मुलाकात के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने 5000 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी घोटाले की CBI जांच की मांग की. एलजी से मुलाकात करने वाले कांग्रेस के तीनों नेता शीला दीक्षित की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार में अलग अलग समय पर बिजली मंत्री रहे थे. उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद माकन ने कहा, ‘‘हमने उपराज्यपाल से मुलाकात कर मांग की है कि 5000 करोड़ रुपये के बिजली सब्सिडी घोटाले की जांच कराई जाए. हम यह भी चाहते हैं कि सब्सिडी का पैसा कंपनियों को नहीं, सीधे उपभोक्ताओं के खातों में भेजा जाए.
ये भी पढ़ेंः सत्येंद्र जैन ने वायरल वीडियो को लेकर ईडी के खिलाफ कंटेंप्ट एप्लीकेशन वापस ली
अजय माकन ने कहा कि घरेलू उद्योग व्यवसाय वर्गों के उपभोगता संख्या में व्यापक परिवर्तन की भी जांच होनी चाहिए. माकन ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने बिना किसी ऑडिट के ही निजी बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी के पैसे दिए. माकन ने यह भी कहा कि अगर सब्सिडी का पैसा सीधा उपभोक्ताओं को दिया जाए, तो उतने ही पैसे में 500 यूनिट तक बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त मिल सकती है, जितना केजरीवाल सरकार सब्सिडी पर खर्च कर रही है.