नई दिल्ली: एक समय गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगभग खत्म हो चुका था, लेकिन 28 जनवरी को हुए घटनाक्रम के बाद अब दोबारा से गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जीवंत हो चुका है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में किसान अपने साथ राशन लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
24 घंटे चल रहा लंगर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर लंगर चलाया जा रहा है. जहां हजारों की संख्या में किसान अपना पेट भर रहे हैं. पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से आए किसानों के एक समूह ने बताया कि किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक होने से किसानों पर गहरा असर पड़ा है. बड़ी संख्या में किसान अमित आंदोलन को अपने से जोड़ रहे हैं. किसान अब अपनी किसानी छोड़कर बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. किसानों ने बताया कि वह अपने साथ 6 महीने का राशन ले कर आए हैं और रोजाना दो से ढाई हजार लोगों के लिए यहां खाना बनाया जा रहा है.
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ट्रॉलियों में भरकर आ रहा है सामान
अभी के समय गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों द्वारा ट्रॉलियों में भरकर गांव से सामान मंगाया जा रहा है. कुछ ट्रॉलियों पर जहां किसान रात में सो रहे हैं तो वहीं कुछ ट्रॉलियां खाने-पीने के सामानों से भरी पड़ी हैं. किसानों का कहना है कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. जब तक सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती तब तक हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा और हम यूं ही किसान भाइयों का पेट भरते रहेंगे.