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अंगदान को लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत: डॉ शरद कुमार अग्रवाल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शरद कुमार अग्रवाल ने कहा कि अंगदान को लेकर देश भर में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. अंग दान के जरिए हम मरने के बाद भी हम आठ लोगों के जिंदगी में रोशनी भर सकते हैं.

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर
कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर
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Published : Aug 5, 2023, 4:04 PM IST

नई दिल्ली: देश भर में बड़ी संख्या में लोग अंगों के फेल्योर होने की वजह से समय से पहले मौत के शिकार हो जाते हैं. इसी के मद्देनजर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक महीने तक चलने वाला अंगदान जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया है. आंकड़ों के मुताबिक देश भर में हर वर्ष पांच लाख लोगों को अंगों की कमी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ती है. इनमें दो लाख लोग किडनी रोग और 50 हजार लोग हार्ट और लंग की बीमारी से जान गवां रहे हैं, वहीं लाखों लोग आँखों की कमी की वजह से अपनी ज़िंदगी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें: AIIMS: ब्रेन डेड घोषित शख्स ने तीन लोगों को दी नई जिंदगी, श्रमिक परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शरद कुमार अग्रवाल, डॉ अनिल अग्रवाल और डॉ डीआर रॉय ने शनिवार को कहा कि हमारे देश में अंगदान महज .86 प्रतिशत ही है जो विदेशी आंकड़ो की तुलना में बहुत ही कम है. हमें इस बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. देह दान या अंग दान के जरिए मरने के बाद भी हम आठ लोगों के जीवन में अलग-अलग तरह से रोशनी भर सकते हैं. डॉ शरद कुमार अग्रवाल ने बताया कि हमने तीन सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी का एक गठन भी किया है जो देश भर में जागरूकता कार्यक्रम पर नजर बना कर रखेगी.

इसके साथ ही हम लोग देश भर के सभी प्राइवेट डॉक्टरों को निर्देश भी दे रहे हैं कि वे अपने अस्पताल व क्लिनिक परिसर में अंग दान को लेकर एक जागरूकता से संबंधित बैनर भी लगाएं ताकि वहां आए लोगों में इस बारे में जिज्ञासा बढ़े और वे इसके लिए प्रेरित हो सकें.

ये भी पढ़ें: DELHI AIIMS: एम्स में अंगदान करने वालों के परिवार को किया गया सम्मानित, लोगों को अंगदान के बताए फायदे

नई दिल्ली: देश भर में बड़ी संख्या में लोग अंगों के फेल्योर होने की वजह से समय से पहले मौत के शिकार हो जाते हैं. इसी के मद्देनजर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक महीने तक चलने वाला अंगदान जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया है. आंकड़ों के मुताबिक देश भर में हर वर्ष पांच लाख लोगों को अंगों की कमी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ती है. इनमें दो लाख लोग किडनी रोग और 50 हजार लोग हार्ट और लंग की बीमारी से जान गवां रहे हैं, वहीं लाखों लोग आँखों की कमी की वजह से अपनी ज़िंदगी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं.

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शरद कुमार अग्रवाल, डॉ अनिल अग्रवाल और डॉ डीआर रॉय ने शनिवार को कहा कि हमारे देश में अंगदान महज .86 प्रतिशत ही है जो विदेशी आंकड़ो की तुलना में बहुत ही कम है. हमें इस बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. देह दान या अंग दान के जरिए मरने के बाद भी हम आठ लोगों के जीवन में अलग-अलग तरह से रोशनी भर सकते हैं. डॉ शरद कुमार अग्रवाल ने बताया कि हमने तीन सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी का एक गठन भी किया है जो देश भर में जागरूकता कार्यक्रम पर नजर बना कर रखेगी.

इसके साथ ही हम लोग देश भर के सभी प्राइवेट डॉक्टरों को निर्देश भी दे रहे हैं कि वे अपने अस्पताल व क्लिनिक परिसर में अंग दान को लेकर एक जागरूकता से संबंधित बैनर भी लगाएं ताकि वहां आए लोगों में इस बारे में जिज्ञासा बढ़े और वे इसके लिए प्रेरित हो सकें.

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