नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षक जब किसी काम से क्लास में नहीं होते हैं तो कुछ देर लिए क्लास मोनिटर क्लास के संचालन का काम देखते हैं. क्लास मोनिटर की जिम्मेदारी होती है कि वह देखे कि क्लास में सभी बच्चे शांत रहे और शांति से पढ़ाई करे. हालांकि, कई बार साथी छात्र में यहीं वजह दुश्मनी पैदा करती है और कई बार स्कूल परिसर के अंदर और बाहर झगड़े भी होते हैं. ऐसा ही किस मामला दिल्ली एक सरकारी स्कूल से आया. जहां क्लास के तीन छात्रों ने अपने क्लास के मोनिटर पर चाकू से हमला कर दिया.
इस घटना के बाद से अन्य छात्र डरे हुए हैं. वहीं, लगातार सरकारी स्कूलों में हो रहे ऐसे घटनाओं में स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है. सवाल है कि छात्र चाकू लेकर आए तो गेट पर सुरक्षा गार्ड ने चेक क्यों नहीं किया? सवाल यह भी है कि शिक्षक ने अपना काम मोनिटर पर क्यों थोपा. बताते चले कि यह मामला संगम विहार इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल का है.
क्या कहते हैं शिक्षक संगठन: गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन के जिला सचिव और शिक्षक संत राम कहते हैं कि आजकल गैंगस्टर को अपना आदर्श मानने वाले विद्यालय के छात्र, बात-बात पर खून बहाने को आतुर रहते हैं. यह सच है कि विद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए ही समय नहीं दिया जाता है, गैर जरूरी एनजीओ के प्रोजेक्ट चलाये हुए हैं. उनकी खाना पूर्ति और झूठी रिपोर्ट तैयार करने में लगे रहते हैं, जब मोनिटर को क्लास संभालने के लिए कहा जाता है या पीरियड बदलने के बीच का समय जो होता है. ऐसी घटना आम बात है, लेकिन हिंसक रूप लेना, हथियार का विद्यालय में लाना, सरकारी नीति और संचालित करने वालो के ऊपर गम्भीर प्रश्न है. अब यह रोज की बात है क्योंकि पढ़ाई के अलावा सब काम कराये जा रहे हैं.
छात्रों की समय-समय पर की जाये कॉउंसलिंग: ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने बताया कि आये दिन छात्रों में मारपीट और एक दूसरे पर जानलेवा हमलो की संख्या बढ़ती जा रही है. छात्रों के बीच तनाव बढ़ रहा है, जिसके चलते कक्षाओं में अक्सर ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में शिक्षकों को चाहिए कि वो क्लास की समस्याओं का खुद समाधान करें ना कि क्लास मोनिटर को ऐसी जिम्मेदारी दी जाए.
छात्रों की समय-समय पर कॉउंसलिंग करी जानी चाहिए और माता-पिता भी अपने बच्चो की समय समय पर कॉउंसलिंग करें, जिससे छात्र मानसिक तनाव से मुक्त हो सके और इस प्रकार की घटनाएं को रोका जा सके. उन्होंने बताया कि स्कूलों में छात्र गुट आपस में भिड़ गए या छात्रों ने शिक्षकों पर हमला कर दिया. ऐसे मामले पूर्व में भी कई आए. जनवरी माह में ही यूनिफॉर्म पर शिक्षक ने टोका तो छात्रों ने शिक्षक पर कई बार चाकू से वॉर किया. इंद्रपुरी के शहीद अमित वर्मा सर्वोदय विद्यालय में यह घटना घटी थी.
तीन छात्रों का नाम काटेगा: स्कूलों में बढ़ रही हिसंक घटनाओं के बीच पहले ही शिक्षा विभाग ने फरमान जारी किया था. अगर छात्र की मौजूदगी में हिंसा हुई और वह इस घटना में शामिल रहा तो स्कूल से नाम काटने का आदेश और जिम्मेदारी स्कूल प्रमुख की होगी. अब देखना होगा मोनिटर पर चाकू से हमला करने वाले छात्रों का क्या भविष्य होता है.
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