नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के टैक्सी ड्राइवर सरकार की तमाम नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर आएं. ड्राइवरों का कहना हैं कि लॉकडाउन के दौरान इन्होंने ताली से लेकर थाली तक सरकार की हर बात मानी, लेकिन अब सरकार इनकी कोई मदद नहीं कर रही है. इन्होंने मोराटोरियम पीरियड को मार्च 2021 तक बढ़ाने के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान स्पीड रेस्ट्रिक्शन के चालान काटे गए है, उसे आम माफी योजना के तहत माफ करने की मांग सामने रखी है.
मंडी हाउस पर किया प्रदर्शन
कई टैक्सी यूनियनों ने मंगलवार को दिल्ली के मंडी हाउस पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि अब हम परेशान हो चुके हैं. किस्त नहीं भरने के चलते कंपनियां ड्राइवरों से गाड़ी छीन कर ले जा रही हैं. पहले ही सरकार के मोराटोरियम का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया था और अब वह समय भी खत्म हो गया है. जरूरत है कि सरकार टैक्सी ड्राइवरों को ध्यान में रखते हुए कदम उठाया जाए.
'ड्राइवरों की उड़ी नींद'
दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट कहते हैं. स्पीड रेस्ट्रिक्शन के चालान ड्राइवरों की नींद उड़ा रहे हैं. 40 से ऊपर जाने पर ही गाड़ी का चालान आ जाता है, जिसके चलते ड्राइवर परेशान हैं. कई ड्राइवरों के तो 200 चालान तक आ गए हैं. सरकार को इन्हें माफ कर देना चाहिए.
सरकार से मांग
इससे अलग प्राइवेट कंपनियों के मनमाने तरीकों से जान छुड़ाने, आर्थिक मदद और नीतियों में बदलाव करने की मांग के साथ टैक्सी ड्राइवरों ने यहां सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने कहा कि अगर जल्दी ही उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे.