नई दिल्ली : अलग-अलग लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर द्वारा दिल्ली सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री और जेल अधिकारियों पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल (LG) को सौंप दी है. उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी के सामने भी सुकेश अपने आरोपों पर कायम रहा. उसने बताया कि जो आरोप लगाएं हैं सबके सबूत हैं और उसने जांच एजेंसियों को दिया है.
सुकेश चंद्रशेखर के आरोपों की जांच के लिए उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी को जांच करने को कहा था. उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उसने दो बार सुकेश चंद्रशेखर के भी बयान दर्ज की और दोनों बार वह अपने आरोपों पर कायम रहा. उसने यह भी कहा है कि अपने आरोपों की पुष्टि से जुड़े सबूत उसने सीबीआई और ईडी को भी दे चुका है. सुकेश ने तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और पूर्व डीजी संदीप गोयल के साथ-साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जांच कमेटी ने 14 और 15 नवंबर को मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर के बयान दर्ज किए. सुकेश ने कमेटी के सामने यही दावा किया कि उसने सत्येंद्र जैन को 60 करोड़ रुपये कैश दिए थे. जिसमें से 10 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी थी. जबकि 50 करोड़ रुपये पार्टी फंड के रूप में दिए गए थे. बदले में उसे राज्यसभा की सीट का भरोसा दिया गया था. उसने चार अलग-अलग किस्तों में दिल्ली के फार्म हाउस पर यह पैसे दिए थे. सुकेश का दावा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इसकी जानकारी थी. जांच कमेटी के सामने सुकेश ने यह भी दावा किया कि पैसों के लेनदेन के बारे में व्हाट्सएप पर हुई चैट का पूरा रिकॉर्ड उसके पास है. सत्येंद्र जैन के ही कहने पर उसने जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल को भी 12.50 करोड़ रुपये देने का दावा किया था कि जेल में सारी सुख सुविधाएं और सुरक्षा मिल सके.
LG को पत्र लिखकर सुकेश ने लगाए थे आरोप
अक्टूबर और नवंबर माह में दिल्ली के मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने उपराज्यपाल के नाम पत्र लिखकर मांग की थी कि जेल में उसकी जान को खतरा है. खतरा किससे है इस संबंध में उसने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत समेत जेल अधिकारियों का नाम लिया था. उसने मांग की थी कि उसे और उसकी पत्नी को दिल्ली से बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित किया जाए. सुकेश ने आप नेताओं के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए लगातार धमकी और दबाव का आरोप लगाया और जेल के अंदर सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा उनपर हमला करने का आरोप लगाया था. उसने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के नेता शिकायत वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
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सुकेश ने कहा कि वह मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी का शागिर्द नहीं है. उसने किसी से भी न डरने की भी बात कही थी. उसने कहा है कि अगर उपराज्यपाल को लिखा उसका पत्र गलत है तो वह कोई भी कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है. उसने कहा था कि जेल प्रशासन और सत्येंद्र जैन ने धमकियां देकर व दबाव डालकर पंजाब व गोवा चुनाव के फंड मांगा था. यह पैसे उसने दिए भी. यह वही समय था, जब मामले की जांच चल रही थी. लगातार मिल रही धमकियों से परेशान होकर उसने कानून का सहारा लिया और उपराज्यपाल को शिकायत की.