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बंगला खाली कराने के आदेश पर सुब्रमण्यम स्वामी ने खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा, दाखिल की याचिका

सांसद के तौर पर आवंटित बंगले को खाली कराने के आदेश के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी (Former Rajya Sabha member Subramanian Swamy) दोबारा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. याचिका दाखिल कर कहा है कि हमारी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई है.

पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी
पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी
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Published : Oct 27, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 7:40 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकारी आवास खाली करने को लेकर चल रहे मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा दोबारा खटखटाया (Swamy filed a petition in Delhi High Court है). उन्होंने केंद्र सरकार सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. इससे पहले 14 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वामी को 6 सप्ताह के अंदर सरकारी आवास सरेंडर करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने स्वामी की याचिका को 31 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है.

इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी को जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र द्वारा दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था. वह अपने पूरे राज्यसभा कार्यकाल के दौरान वहीं रहे, जो अप्रैल 2022 में समाप्त हो गया. चूंकि उन्हें परिसर खाली करना था, स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और उन्हें खतरे को देखते हुए बंगले के पुन: आवंटन की मांग की. हालांकि, केंद्र ने बुधवार को याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी के प्रति सुरक्षा धारणा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है.

यह भी पढ़ें-पूर्व पीएम देवेगौड़ा एक बार फिर बन सकते हैं जेडी (एस) के सुप्रीमो

केंद्र की ओर से पेश हुए एएसजी संजय जैन ने कहा कि सरकार वरिष्ठ नेता को समय-समय पर समीक्षा के अधीन सुरक्षा प्रदान करती रहेगी, लेकिन बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा. जैन ने अदालत से कहा कि उनका दिल्ली में एक घर है जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां ​​वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी.

वहीं स्वामी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता पेश हुए और तर्क दिया कि उनके लिए खतरे को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षाकर्मियों को समायोजित करने के लिए घर की आवश्यकता है.

नई दिल्ली: पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकारी आवास खाली करने को लेकर चल रहे मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा दोबारा खटखटाया (Swamy filed a petition in Delhi High Court है). उन्होंने केंद्र सरकार सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. इससे पहले 14 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वामी को 6 सप्ताह के अंदर सरकारी आवास सरेंडर करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने स्वामी की याचिका को 31 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है.

इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी को जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र द्वारा दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था. वह अपने पूरे राज्यसभा कार्यकाल के दौरान वहीं रहे, जो अप्रैल 2022 में समाप्त हो गया. चूंकि उन्हें परिसर खाली करना था, स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और उन्हें खतरे को देखते हुए बंगले के पुन: आवंटन की मांग की. हालांकि, केंद्र ने बुधवार को याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी के प्रति सुरक्षा धारणा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है.

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केंद्र की ओर से पेश हुए एएसजी संजय जैन ने कहा कि सरकार वरिष्ठ नेता को समय-समय पर समीक्षा के अधीन सुरक्षा प्रदान करती रहेगी, लेकिन बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा. जैन ने अदालत से कहा कि उनका दिल्ली में एक घर है जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां ​​वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी.

वहीं स्वामी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता पेश हुए और तर्क दिया कि उनके लिए खतरे को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षाकर्मियों को समायोजित करने के लिए घर की आवश्यकता है.

Last Updated : Oct 27, 2022, 7:40 PM IST
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