नई दिल्लीः बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर नेशनल हेराल्ड मामले में विभिन्न दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग की है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस याचिका पर 23 दिसंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.
स्वामी का होना था क्रॉस-एग्जामिनेशन
स्वामी ने याचिका दायर कर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस कलगावनार, लैंड एंड डेवलपमेंट अफसर रजनीश कुमार झा, इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर साकेत सिंह और कांग्रेस के एक नेता को समन जारी करने की मांग की है. शनिवार को इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस-एग्जामिनेशन होना था. सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से वकील निखिल भल्ला ने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस-एग्जामिनेशन करने के लिए वकील आरएस चीमा को करना था.
आरएस चीमा को चंडीगढ़ से दिल्ली आना था, लेकिन किसानों के जाम की वजह से वे दिल्ली नहीं आ सकते. भल्ला ने स्वामी का क्रॉस-एग्जामिनेशन अगली तिथि को करने की अनुमति देने की मांग की. उसके बाद कोर्ट ने 23 दिसंबर को स्वामी के क्रॉस-एग्जामिनेश करने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे स्वामी की समन जारी करने संबंधी याचिका का जवाब भी 23 दिसंबर को दाखिल करें.
सोनिया, राहुल गांधी के खिलाफ दायर की है याचिका
बता दें कि 30 अगस्त 2019 को सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया था. सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.
'समाचार पत्र की जमीन का व्यावसायिक उपयोग नहीं हो सकता'
स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. जबकि गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है. जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं. यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए.