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Munna Bhai Arrested: विदेश से डॉक्टरी पढ़कर लौटा छात्र पास नहीं कर पाया भारत में परीक्षा, मुन्ना भाई संग अरेस्ट - Hemant Kumar Ojha

विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई कर लौटे एक छात्र ने भारत में परीक्षा पास करने के लिए मुन्ना भाई का सहारा लिया. लेकिन इस दौरान वह पकड़ा गया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. आरोपी छात्र की पहचान हेमंत कुमार ओझा के तौर पर की गई है. दो अन्य मुन्नाभाई को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

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Published : Apr 3, 2023, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर लौटे एक छात्र ने भारत में प्रैक्टिस करने के लिए आयोजित क्वालीफाइंग एग्जाम पास करने के लिए मुन्ना भाई का सहारा लिया. हालांकि, तकनीक के कारण वह पकड़ा गया. उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. उसकी जगह बैठकर परीक्षा देने वाले को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान हेमंत कुमार ओझा के रूप में हुई है. वहीं, फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज का इस्तेमाल कर हेमंत की जगह क्वालीफाइंग एग्जाम देने वाले अमूल्य किशन और उसके एक साथी मनीष प्रहलाद यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

पुलिस के अनुसार, हेमंत कुमार ओझा ने कुछ साल पहले विदेश से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. वह भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी परीक्षा फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में कई बार शामिल हुआ, लेकिन बार बार फेल होता गया. इस कारण उसने अमूल्य किशन नाम के एक व्यक्ति को अपनी एफएमजीई परीक्षा देने के लिए तैयार किया. इसके बदले उसने अमूल्य को पांच लाख रुपए भी दिए. यह परीक्षा हर साल जून और दिसंबर में होती है जिसमें हजारों अभ्यर्थी शामिल होते हैं.

एफएमजीई दिसंबर 2022 के लिए 20 जनवरी 2023 को परीक्षा आयोजित की गई थी. इसमें हेमंत कुमार ओझा की जगह अमूल्य ने परीक्षा दी थी. इसके लिए उसने हेमंत के नाम और उसकी फोटो आईडी आधार कार्ड आदि बनवाया था. परीक्षा में अमूल्य को 300 में से 181 अंक मिले थे. पासिंग सर्टिफिकेट लेने के लिए हेमंत, अमूल्य और उसके एक दोस्त मनीष के साथ द्वारका स्थित एनबीईएमएस के ऑफिस गया था. एफएमजीई परिक्षा एनबीईएमएस नाम की संस्था ही आयोजित करती है.

अमूल्य ने सर्टिफिकेट लेने के लिए हेमंत के सभी दस्तावेज ऑफिस में जमा किए. इस दौरान उसके बायोमेट्रिक और फेस आईडी वेरिफिकेशन में पता चला कि वह इससे पहले भी परीक्षा दे चुका है और पास हो चुका है. इस पर संबंधित अधिकारी को शक हुआ कि आखिर कोई व्यक्ति एक बार पास करने के बाद दोबारा परीक्षा क्यों दे रहा है. शक होने पर उसे वही रोक लिया गया सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने कुबूल कर लिया कि पैसे लेकर वह हेमंत के नाम पर परीक्षा में बैठा था.

ये भी पढ़ेंः AATS और स्पेशल स्टाफ टीम ने भगोड़े दो अपराधियों को किया गिरफ्तार

अधिकारी ने हेमंत और मनीष को भी ऑफिस में बुलाकर पूछताछ की तो इन दोनों ने भी अपना अपराध कुबूल कर लिया. पूछताछ में पता चला कि मनीष ने ही हेमंत और अमूल्य को मिलवाया था. इसके बाद संबंधित अधिकारी ने तीनों को पुलिस के हवाले कर दिया. धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अमूल्य से पूछताछ कर यह जाने की कोशिश कर रही है कि उसने यह काम पहली बार किया था या वह ऐसा कोई गिरोह चलाता है जिससे कि मेडिकल परीक्षा पास करवाने के लिए लोगों से पैसे लिए जाते हैं.

ये भी पढे़ंः गाजियाबाद: मेट्रो स्टेशन पर जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया बीटेक का स्टूडेंट

नई दिल्ली: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर लौटे एक छात्र ने भारत में प्रैक्टिस करने के लिए आयोजित क्वालीफाइंग एग्जाम पास करने के लिए मुन्ना भाई का सहारा लिया. हालांकि, तकनीक के कारण वह पकड़ा गया. उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. उसकी जगह बैठकर परीक्षा देने वाले को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान हेमंत कुमार ओझा के रूप में हुई है. वहीं, फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज का इस्तेमाल कर हेमंत की जगह क्वालीफाइंग एग्जाम देने वाले अमूल्य किशन और उसके एक साथी मनीष प्रहलाद यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

पुलिस के अनुसार, हेमंत कुमार ओझा ने कुछ साल पहले विदेश से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. वह भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी परीक्षा फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में कई बार शामिल हुआ, लेकिन बार बार फेल होता गया. इस कारण उसने अमूल्य किशन नाम के एक व्यक्ति को अपनी एफएमजीई परीक्षा देने के लिए तैयार किया. इसके बदले उसने अमूल्य को पांच लाख रुपए भी दिए. यह परीक्षा हर साल जून और दिसंबर में होती है जिसमें हजारों अभ्यर्थी शामिल होते हैं.

एफएमजीई दिसंबर 2022 के लिए 20 जनवरी 2023 को परीक्षा आयोजित की गई थी. इसमें हेमंत कुमार ओझा की जगह अमूल्य ने परीक्षा दी थी. इसके लिए उसने हेमंत के नाम और उसकी फोटो आईडी आधार कार्ड आदि बनवाया था. परीक्षा में अमूल्य को 300 में से 181 अंक मिले थे. पासिंग सर्टिफिकेट लेने के लिए हेमंत, अमूल्य और उसके एक दोस्त मनीष के साथ द्वारका स्थित एनबीईएमएस के ऑफिस गया था. एफएमजीई परिक्षा एनबीईएमएस नाम की संस्था ही आयोजित करती है.

अमूल्य ने सर्टिफिकेट लेने के लिए हेमंत के सभी दस्तावेज ऑफिस में जमा किए. इस दौरान उसके बायोमेट्रिक और फेस आईडी वेरिफिकेशन में पता चला कि वह इससे पहले भी परीक्षा दे चुका है और पास हो चुका है. इस पर संबंधित अधिकारी को शक हुआ कि आखिर कोई व्यक्ति एक बार पास करने के बाद दोबारा परीक्षा क्यों दे रहा है. शक होने पर उसे वही रोक लिया गया सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने कुबूल कर लिया कि पैसे लेकर वह हेमंत के नाम पर परीक्षा में बैठा था.

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अधिकारी ने हेमंत और मनीष को भी ऑफिस में बुलाकर पूछताछ की तो इन दोनों ने भी अपना अपराध कुबूल कर लिया. पूछताछ में पता चला कि मनीष ने ही हेमंत और अमूल्य को मिलवाया था. इसके बाद संबंधित अधिकारी ने तीनों को पुलिस के हवाले कर दिया. धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अमूल्य से पूछताछ कर यह जाने की कोशिश कर रही है कि उसने यह काम पहली बार किया था या वह ऐसा कोई गिरोह चलाता है जिससे कि मेडिकल परीक्षा पास करवाने के लिए लोगों से पैसे लिए जाते हैं.

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