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DU में छात्र चुनाव की तैयारियां शुरू, उम्मीदवार अपनी पहचान बनाने में जुटे - लॉ फैकेल्टी

डीयू की लॉ फैकल्टी में सितंबर में होने वाले डीयू के छात्र चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. छात्र चुनाव में प्रेसिडेंट के पद के लिए उम्मीदवार अभी से छात्रों को लुभाने में जुट गए हैं.

डीयू में छात्र चुनाव की तैयारियां शुरू ETV BHARAT
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Published : Aug 1, 2019, 9:34 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी में पीजी कोर्स के लिए दाखिले की प्रक्रिया जारी है. इसी बीच सितंबर में होने वाले छात्र चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. छात्र चुनाव में प्रेसिडेंट पद के लिए उम्मीदवार अभी से छात्रों को लुभाने में जुट गए हैं. इसके लिए उम्मीदवार लॉ फैकेल्टी के गेट से लेकर अंदर तक हेल्प डेस्क लगाकर नए छात्रों की दाखिला प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं.

डीयू में छात्र चुनाव की तैयारियां शुरू

इस दौरान जब ईटीवी भारत की टीम फैकेल्टी पहुंची तो देखा कि लॉ फैकल्टी के गेट से ही तमाम प्रेसिडेंट उम्मीदवारों ने अपने पोस्टर बैनर से फैकेल्टी को सजाया हुआ था और छात्रों की मदद के लिए हेल्प डेस्क लगाए हुए थे.


अपनी पहचान कायम करना लक्ष्य
प्रेजिडेंट पद के उम्मीदवार आदित्य प्रणव द्विवेदी और दीपक त्रिपाठी से हमने बात की जिन्होंने बताया कि सबसे पहले उनका लक्ष्य नए छात्रों के बीच अपनी पहचान कायम करना है क्योंकि लॉ फैकेल्टी में कई राज्यों से छात्र दाखिले के लिए आते हैं.

छात्र चुनाव किसी चुनाव चिन्ह या संगठन के आधार पर नहीं होते. हर एक उम्मीदवार अपनी नाम के पहचान के साथ ही चुनाव में खड़ा होता है. इसलिए उसे अपनी पहचान बनानी जरूरी होती है.

दाखिला प्रक्रिया में करते हैं मदद
उम्मीदवार आदित्य ने बताया कि जो भी नए छात्र दाखिले के लिए आ रहे हैं. हम उनकी दाखिला प्रक्रिया से लेकर डॉक्यूमेंटेशन में पूरी तरीके से मदद कर रहे हैं. और हमारे जो तमाम वॉलिंटियर हैं. वो भी छात्रों की मदद के लिए उनके साथ दाखिले कराने तक जा रहे हैं.

छात्रों और फैकल्टी के बीच समन्वय स्थापित करना
इसके अलावा आदित्य का कहना था कि जो सबसे ज्यादा जरूरी होता है. वो है छात्रों के बीच और एडमिनिस्ट्रेटिव के बीच एक समन्वय स्थापित करना. क्योंकि वो पहले से ही फैकल्टी में छात्र हैं. जिससे कि उनकी टीचरों के साथ और अन्य छात्रों के साथ अच्छी जान-पहचान होती है. इसलिए वो कोशिश करते हैं कि नए छात्रों को कोई परेशानी ना हो.

पीजी हॉस्टल दिलाने में करते हैं मदद
अध्यक्ष पद के एक और उम्मीदवार दीपक त्रिपाठी भी वहां मौजूद थे. जिनका कहना था कि जो छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ कर आते हैं उनको ज्यादा दिक्कतें नहीं होती. लेकिन जो छात्र दूसरे राज्यों से पीजी कोर्स में दाखिले के लिए आते हैं. उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि उनके लिए सिस्टम पूरी तरह से नया होता है.

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी में पीजी कोर्स के लिए दाखिले की प्रक्रिया जारी है. इसी बीच सितंबर में होने वाले छात्र चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. छात्र चुनाव में प्रेसिडेंट पद के लिए उम्मीदवार अभी से छात्रों को लुभाने में जुट गए हैं. इसके लिए उम्मीदवार लॉ फैकेल्टी के गेट से लेकर अंदर तक हेल्प डेस्क लगाकर नए छात्रों की दाखिला प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं.

डीयू में छात्र चुनाव की तैयारियां शुरू

इस दौरान जब ईटीवी भारत की टीम फैकेल्टी पहुंची तो देखा कि लॉ फैकल्टी के गेट से ही तमाम प्रेसिडेंट उम्मीदवारों ने अपने पोस्टर बैनर से फैकेल्टी को सजाया हुआ था और छात्रों की मदद के लिए हेल्प डेस्क लगाए हुए थे.


अपनी पहचान कायम करना लक्ष्य
प्रेजिडेंट पद के उम्मीदवार आदित्य प्रणव द्विवेदी और दीपक त्रिपाठी से हमने बात की जिन्होंने बताया कि सबसे पहले उनका लक्ष्य नए छात्रों के बीच अपनी पहचान कायम करना है क्योंकि लॉ फैकेल्टी में कई राज्यों से छात्र दाखिले के लिए आते हैं.

छात्र चुनाव किसी चुनाव चिन्ह या संगठन के आधार पर नहीं होते. हर एक उम्मीदवार अपनी नाम के पहचान के साथ ही चुनाव में खड़ा होता है. इसलिए उसे अपनी पहचान बनानी जरूरी होती है.

दाखिला प्रक्रिया में करते हैं मदद
उम्मीदवार आदित्य ने बताया कि जो भी नए छात्र दाखिले के लिए आ रहे हैं. हम उनकी दाखिला प्रक्रिया से लेकर डॉक्यूमेंटेशन में पूरी तरीके से मदद कर रहे हैं. और हमारे जो तमाम वॉलिंटियर हैं. वो भी छात्रों की मदद के लिए उनके साथ दाखिले कराने तक जा रहे हैं.

छात्रों और फैकल्टी के बीच समन्वय स्थापित करना
इसके अलावा आदित्य का कहना था कि जो सबसे ज्यादा जरूरी होता है. वो है छात्रों के बीच और एडमिनिस्ट्रेटिव के बीच एक समन्वय स्थापित करना. क्योंकि वो पहले से ही फैकल्टी में छात्र हैं. जिससे कि उनकी टीचरों के साथ और अन्य छात्रों के साथ अच्छी जान-पहचान होती है. इसलिए वो कोशिश करते हैं कि नए छात्रों को कोई परेशानी ना हो.

पीजी हॉस्टल दिलाने में करते हैं मदद
अध्यक्ष पद के एक और उम्मीदवार दीपक त्रिपाठी भी वहां मौजूद थे. जिनका कहना था कि जो छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ कर आते हैं उनको ज्यादा दिक्कतें नहीं होती. लेकिन जो छात्र दूसरे राज्यों से पीजी कोर्स में दाखिले के लिए आते हैं. उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि उनके लिए सिस्टम पूरी तरह से नया होता है.

Intro:दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी में पीजी कोर्स के लिए दाखिले की प्रक्रिया जारी है इसी बीच सितंबर में होने वाले छात्र चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं छात्र चुनाव में प्रेसिडेंट के पद के लिए उम्मीदवार अभी से छात्रों को लुभाने में जुट गए हैं इसके लिए उम्मीदवार लॉ फैकेल्टी के गेट से लेकर अंदर तक हेल्पडेस्क लगाकर नए छात्रों की दाखिला प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं इस दौरान जब हम लोग फैकेल्टी पहुंचे तो हमने देखा कि लॉ फैकल्टी के गेट से ही तमाम प्रेसिडेंट उम्मीदवारों ने अपने पोस्टर बैनर से लॉ फैकेल्टी को सजाया हुआ था और छात्रों की मदद के लिए हेल्प डेस्क लगाए हुए थे


Body:छात्रों के बीच अपनी पहचान कायम करना लक्ष्य
प्रेजिडेंट पद के उम्मीदवार आदित्य प्रणव द्विवेदी और दीपक त्रिपाठी से हमने बात की जिन्होंने बताया कि सबसे पहले उनका लक्ष्य नए छात्रों के बीच अपनी पहचान कायम करना है क्योंकि लॉ फैकेल्टी में कई राज्यों से छात्र दाखिले के लिए आते हैं और क्योंकि छात्र चुनाव किसी चुनाव चिन्ह या संगठन के आधार पर नहीं होते हर एक उम्मीदवार अपनी नाम के पहचान के साथ ही चुनाव में खड़ा होता है इसलिए उसे अपनी पहचान बनानी जरूरी होती है

नए छात्रों की दाखिला प्रक्रिया में करते हैं मदद
उम्मीदवार आदित्य ने बताया कि जो भी नए छात्र दाखिले के लिए आ रहे हैं हम उनकी दाखिला प्रक्रिया से लेकर डॉक्यूमेंटेशन में पूरी तरीके से मदद कर रहे हैं और हमारे जो तमाम वॉलिंटियर हैं वह भी छात्रों की मदद के लिए उनके साथ दाखिले तक जा रहे हैं

छात्रों और फैकल्टी के बीच समन्वय स्थापित करना
इसके अलावा आदित्य का कहना था कि जो सबसे ज्यादा जरूरी होता है वह छात्रों के बीच और एडमिनिस्ट्रेटिव के बीच एक समन्वय स्थापित करने का उनका लक्ष्य होता है क्योंकि वह पहले से ही फैकल्टी में छात्र हैं जिससे कि उनकी टीचरों के साथ और अन्य छात्रों के साथ अच्छी जान पहचान होती है इसलिए वह कोशिश करते हैं कि नए छात्रों को कोई परेशानी ना हो,

बाहर से आए छात्रों को पीजी हॉस्टल दिलाने में करते हैं मदद

हमारे साथ अध्यक्ष पद के एक और उम्मीदवार दीपक त्रिपाठी भी मौजूद थे जिनका कहना था कि जो छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ कर आते हैं उनको ज्यादा दिक्कतें नहीं होती लेकिन जो छात्र दूसरे राज्यों से पीजी कोर्स में दाखिले के लिए आते हैं उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके लिए जो सिस्टम है वह भी नया होता है इसके साथ ही उन्हें यहां रहने के भी दिक्कतें आती हैं क्योंकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में हॉस्टल की कमी है और बाहर हॉस्टल जो है वह काफी महंगे होते हैं जिसके कारण छात्र परेशान होते हैंदीपक त्रिपाठी का कहना था ऐसे में हम छात्रों को पीजी हॉस्टल दिलाने में भी उनकी सहायता करते हैं.


Conclusion:उम्मीदवारों ने साझा किया अपना अनुभव
इसके अलावा चुनाव में खड़े हो रहे उम्मीदवारों का कहना था कि यह एक अच्छा अनुभव होता है इस तरीके के चुनाव से उन्हें राजनीति का जो ज्ञान है वह मालूम होता है और इससे काफी कुछ सीखने को भी मिलता है कि किस तरीके से छात्रों के बीच और लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता कायम करनी है कैसे दूसरों की मदद करनी है
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