नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों पर झपटमारी के मामले एक बार फिर बढ़ गए हैं. साल की पहली तिमाही में झपटमारी की 1562 वारदातें हुई हैं, जबकि वर्ष 2018 में इन तीन महीनों के दौरान 1507 झपटमारी की घटनाएं हुई थीं. इसके साथ ही डकैती की वारदातों में 75 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
इन अपराधों में दर्ज की गई हैं बढ़ोत्तरी
वर्ष 2019 की पहली तिमाही में डकैती की 7 वारदातें हो चुकी हैं, जबकि वर्ष 2018 में इस दौरान केवल चार वारदाते हुई थीं. जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती सड़क पर होने वाले अपराध को काबू करना होता है. ऐसे में झपटमारी की वारदात में बढ़ोत्तरी होना बड़ी चिंता का विषय है.
पुलिस झपटमारी रोकने के लिए जगह-जगह पिकेट लगाती है. इसके अलावा सक्रिय झपटमारों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है. लेकिन इसके बावजूद झपटमारी बढ़ने से दिल्ली पुलिस की परेशानी बढ़ गई है. पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की तरफ से सभी जिलों के डीसीपी को झपटमारी रोकने के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं.
झपटमारी के मामले बढ़े
पुलिस के अनुसार डकैती एवं झपटमारी के मामले पहले तिमाही में बढ़े हैं. इनके अलावा वाहनचोरी की वारदातों में इजाफा हुआ है. वर्ष 2018 में जहां पहली तिमाही में वाहनचोरी की 10,130 वारदातें हुई थीं तो वहीं इस वर्ष की पहली तिमाही में 11,313 वाहनचोरी की घटनाएं हो चुकी हैं.
पहली तिमाही में चोरी के आंकड़े भी हैरान करने वाले हैं. वर्ष 2018 में जहां चोरी की 32106 वारदातें पहली तिमाही में हुई थीं तो वहीं वर्ष 2019 की पहली तिमाही में 50,454 चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं.
पुलिस को मिली राहत
दिल्ली में कुछ अपराधों में कमी आने की वजह से दिल्ली पुलिस को राहत अवश्य मिली है. लूट की वारदात बीते वर्ष के मुकाबले पहली तिमाही में 741 से घटकर 590 हो गई हैं. हत्या की वारदात 130 से घटकर 120 हो गई है. हत्या प्रयास की बात करें तो वर्ष 2018 में जहां 144 घटनाएं हुई थी तो वहीं वर्ष 2019 में ऐसी 117 घटनाएं हुई हैं. अपहरण के मामले में भी 6 से घटकर इस वर्ष केवल दो रहे हैं.