नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने में रिश्वत लेने के मामले में पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को निर्देश दिया है कि अगर कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी जरूरी होगी तो वो तीन दिन पहले सूचित करेगी. स्पेशल जज एमके नागपाल ने कार्ति चिदंबरम को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने कार्ति को निर्देश दिया कि वो 24 मई को अपनी विदेश यात्रा से लौटने के 16 घंटे के अंदर जांच में शामिल हों. कार्ति की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रथम दृष्टया कोई तथ्य ऐसा नहीं है, जिससे कि पता चले कि वो इन आरोपों में लिप्त था. सीबीआई के सर्च अभियान में कोई भी पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.
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सीबीआई के मुताबिक, 14 मई को पी चिदंबरम के आवास पर तलाशी के बाद मामला दर्ज किया गया था. कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उसने अवैध रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के बाद 250 चीनी नागरिकों के वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि अभी कार्ति की गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है.
सीबीआई ने कहा कि अगर गिरफ्तारी की जरूरत पड़ी तो तो वो 48 घंटे का नोटिस देगी. इस पर कोर्ट ने एजेंसी को तीन दिन पहले कार्ति को नोटिस देने का निर्देश दिया. सीबीआई के मुताबिक तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था.
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