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AAP MLA अखिलेश त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ी,MCD अधिकारी के साथ मारपीट का है आरोप - AAP MLA

कोर्ट ने नगर निगम के अधिकारी की पिटाई के बाद इलाज करने वाले निजी अस्पताल का रिकॉर्ड तलब किया है. पिछले 12 सितंबर को कोर्ट ने अखिलेश पति त्रिपाठी को राहत देते हुए आज तक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

अखिलेश पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ी
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Published : Sep 13, 2019, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर लगी रोक 21 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट ने नगर निगम के अधिकारी की पिटाई के बाद इलाज करने वाले निजी अस्पताल का रिकॉर्ड तलब किया है. पिछले 12 सितंबर को कोर्ट ने अखिलेश पति त्रिपाठी को राहत देते हुए आज तक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

पुलिस को नोटिस जारी
त्रिपाठी ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में दर्ज एफआईआर मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 13 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. 13 सितंबर तक त्रिपाठी के खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

5 सितंबर की है घटना
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ने त्रिपाठी के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मारपीट का मामला दर्ज कराया है. घटना 5 सितंबर की है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के इंस्पेक्टर रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वे आजादपुर इलाके में साफ सफाई के काम की निगरानी कर रहे थे, उस समय विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और उनके समर्थकों ने सरकारी काम में बाधा डालते हुए मारपीट की और मोबाइल छीन लिया.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर लगी रोक 21 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट ने नगर निगम के अधिकारी की पिटाई के बाद इलाज करने वाले निजी अस्पताल का रिकॉर्ड तलब किया है. पिछले 12 सितंबर को कोर्ट ने अखिलेश पति त्रिपाठी को राहत देते हुए आज तक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

पुलिस को नोटिस जारी
त्रिपाठी ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में दर्ज एफआईआर मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 13 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. 13 सितंबर तक त्रिपाठी के खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

5 सितंबर की है घटना
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ने त्रिपाठी के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मारपीट का मामला दर्ज कराया है. घटना 5 सितंबर की है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के इंस्पेक्टर रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वे आजादपुर इलाके में साफ सफाई के काम की निगरानी कर रहे थे, उस समय विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और उनके समर्थकों ने सरकारी काम में बाधा डालते हुए मारपीट की और मोबाइल छीन लिया.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर लगी रोक 21 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट ने नगर निगम के अधिकारी की पिटाई के बाद इलाज करने वाले निजी अस्पताल के रिकॉर्ड तलब किया है।




Body:पिछले 12 सितंबर को कोर्ट ने अखिलेश पति त्रिपाठी को राहत देते हुए आज तक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया था।

 त्रिपाठी ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में दर्ज एफआईआर मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया है। स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 13 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 13 सितंबर तक त्रिपाठी के खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

 उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ने त्रिपाठी के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मारपीट का मामला दर्ज कराया है। घटना 5 सितंबर की है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के इंस्पेक्टर रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वे आजादपुर इलाके में साफ सफाई के काम की निगरानी कर रहे थे उस समय विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और उनके समर्थकों ने सरकारी काम में बाधा डालते हुए मारपीट की और मोबाइल छीन लिया। मारपीट में इंस्पेक्टर को चोटें आई जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया।




Conclusion:अखिलेश पति त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि उन्हें इस केस में फंसाया गया है। ये एफआईआर उनकी शिकायत के बदले में दर्ज किया गया। वे 5 सितंबर को अपने इलाके में जलजमाव की शिकायत की जांच करने पहुंचे थे। वहां उन्होंने नगर निगम के इंस्पेक्टर को काल किया जिसका इंस्पेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद विधायक स्थानीय लोगों के साथ इंस्पेक्टर के दफ्तर पहुंचे और जलजमाव की वजह के बारे में पूछताछ की। त्रिपाठी के मुताबिक पूछताछ करने पर इंस्पेक्टर ने झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। इंस्पेक्टर ने अपनी कमियां छिपाने के लिए विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को बुला लिया। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की।
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