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अब सियासी तौर पर गुलाम नहीं हैं मुसलमान- शाजिया इल्मी

कभी आम आदमी पार्टी की नेता रहीं शाजिया इल्मी इन दिनों भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली में न सिर्फ महिला, बल्कि एक मुस्लिम चेहरा भी हैं. वे आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय के बीच बीजेपी की पैठ बनाने में जुटी हुई हैं. एक कार्यक्रम के दौरान ईटीवी भारत ने शाजिया इल्मी से खास बातचीत की.

शाजिया इल्मी से खास बातचीत
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Published : Nov 20, 2019, 4:25 AM IST

नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं. दिल्ली की आबादी के हिसाब से मुस्लिम मतदाता भी खास महत्व रखते हैं. खासकर बीजेपी की मुस्लिम समुदाय के वोटों पर खास नजर है, क्योंकि ये वो आबादी है, जहां से बीजेपी को सबसे कम वोट मिलते रहे हैं और इसीलिए अभी से बीजेपी अल्पसंख्यकों को अपने पाले में लाने में लगी हुई है.

शाजिया इल्मी से खास बातचीत

दिल्ली प्रदेश बीजेपी की उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों को संबोधित किया, वहीं कुछ को पार्टी में शामिल भी कराया. इस मौके पर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. इस बातचीत में शाजिया इल्मी ने कहा कि अब मुस्लिम समुदाय के लोग खुले दिल से भारतीय जनता पार्टी के साथ आ रहे हैं.

'सभी बराबर के भागीदार'
मोदी सरकार की कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए शाजिया इल्मी ने कहा कि मुसलमान भाई देख रहे हैं कि किस तरह अब तक मुसलमानों को सियासी गुलाम बनाकर रखा जाता था, अब तक वे किसी एक पार्टी की गिरफ्त में होते थे, लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि वे देश में बराबर के भागीदार हैं.

गौरतलब है बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शाजिया इलमी आम आदमी पार्टी के मंच से ऐसे भाषण दिया करती थीं. उनसे जब हमने इसे लेकर सवाल किया, तो उनका कहना था कि वे अरविंद केजरीवाल ही नहीं, अन्ना आंदोलन के मंच पर भी रहीं और उस लड़ाई के साथ इसलिए थी, क्योंकि वो कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ था. लेकिन बाद में जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने फैसले लिए, उससे उन्होंने उनसे दूरी बना ली.

हालांकि शाजिया इल्मी ये जवाब पूरा भी नहीं कर सकीं और आगे बढ़ गईं. उन्होंने ये जरूर कहा कि बीजेपी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अब विश्वास जताने लगे हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में तमाम समीकरण बदलते हुए दिखेंगे.

नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं. दिल्ली की आबादी के हिसाब से मुस्लिम मतदाता भी खास महत्व रखते हैं. खासकर बीजेपी की मुस्लिम समुदाय के वोटों पर खास नजर है, क्योंकि ये वो आबादी है, जहां से बीजेपी को सबसे कम वोट मिलते रहे हैं और इसीलिए अभी से बीजेपी अल्पसंख्यकों को अपने पाले में लाने में लगी हुई है.

शाजिया इल्मी से खास बातचीत

दिल्ली प्रदेश बीजेपी की उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों को संबोधित किया, वहीं कुछ को पार्टी में शामिल भी कराया. इस मौके पर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. इस बातचीत में शाजिया इल्मी ने कहा कि अब मुस्लिम समुदाय के लोग खुले दिल से भारतीय जनता पार्टी के साथ आ रहे हैं.

'सभी बराबर के भागीदार'
मोदी सरकार की कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए शाजिया इल्मी ने कहा कि मुसलमान भाई देख रहे हैं कि किस तरह अब तक मुसलमानों को सियासी गुलाम बनाकर रखा जाता था, अब तक वे किसी एक पार्टी की गिरफ्त में होते थे, लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि वे देश में बराबर के भागीदार हैं.

गौरतलब है बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शाजिया इलमी आम आदमी पार्टी के मंच से ऐसे भाषण दिया करती थीं. उनसे जब हमने इसे लेकर सवाल किया, तो उनका कहना था कि वे अरविंद केजरीवाल ही नहीं, अन्ना आंदोलन के मंच पर भी रहीं और उस लड़ाई के साथ इसलिए थी, क्योंकि वो कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ था. लेकिन बाद में जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने फैसले लिए, उससे उन्होंने उनसे दूरी बना ली.

हालांकि शाजिया इल्मी ये जवाब पूरा भी नहीं कर सकीं और आगे बढ़ गईं. उन्होंने ये जरूर कहा कि बीजेपी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अब विश्वास जताने लगे हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में तमाम समीकरण बदलते हुए दिखेंगे.

Intro:कभी आम आदमी पार्टी की नेता रहीं शाजिया इल्मी इन दिनों भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली में न सिर्फ महिला, बल्कि एक मुस्लिम चेहरा भी हैं. वे आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय के बीच भाजपा की पैठ बनाने में जुटी हुई हैं. कुछ ऐसे ही उद्देश्य से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान ईटीवी भारत ने शाजिया इल्मी से खास बातचीत की.


Body:नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं. दिल्ली की आबादी के हिसाब से मुस्लिम मतदाता भी खास महत्व रखते हैं. खासकर भाजपा की मुस्लिम समुदाय के वोटों पर खास नजर है, क्योंकि ये वो आबादी है, जहां से भाजपा को सबसे कम वोट मिलते रहे हैं और इसीलिए अभी से भाजपा अल्पसंख्यकों को अपने पाले में लाने में लगी हुई है.

दिल्ली प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों को संबोधित किया, वहीं कुछ को पार्टी में शामिल भी कराया. इस मौके पर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. इस बातचीत में शाजिया इल्मी ने कहा कि अब मुस्लिम समुदाय के लोग खुले दिल से भारतीय जनता पार्टी के साथ आ रहे हैं.

मोदी सरकार की कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमान भाई देख रहे हैं कि किस तरह अब तक मुसलमानों को सियासी गुलाम बनाकर रखा जाता था, अब तक वे किसी एक पार्टी की गिरफ्त में होते थे, लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि वे देश में बराबर के भागीदार हैं.

गौरतलब है बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शाजिया इलमी आम आदमी पार्टी के मंच से ऐसे भाषण दिया करती थीं. उनसे जब हमने इसे लेकर सवाल किया, तो उनका कहना था कि वे अरविंद केजरीवाल ही नहीं, अन्ना आंदोलन के मंच पर भी रहीं और उस लड़ाई के साथ इसलिए थी, क्योंकि वो कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ था. लेकिन बाद में जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने फैसले लिए, उससे उन्होंने उनसे दूरी बना ली.


Conclusion:हालांकि शाजिया इल्मी यह जवाब पूरा भी नहीं कर सकीं और आगे बढ़ गईं. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि भाजपा में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अब विश्वास जताने लगे हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में तमाम समीकरण बदलते हुए दिखेंगे.
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