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कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर उड़ रही अफवाहें, एक्सपर्ट्स ने कहा- वैक्सीन से डरें नहीं

कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से होने जा रही है. वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट्स से बात की.

experts on corona vaccine
कोरोना वैक्सीनेशन पर एक्सपर्ट्स
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Published : Jan 11, 2021, 7:50 AM IST

नई दिल्ली: 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत होने जा रही है. कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है और अब ड्राई रन भी सफल होने के बाद आखिरकार वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगी. हालांकि ट्रायल के बाद कई तरह की खबरें सामने आई, जिससे लोग असमंजस में हैं.

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर एक्सपर्ट्स ने की बात

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट्स से बात की.

'वैक्सीन से डरें नहीं'

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जयेश लेले ने कहा कि लोगों को वैक्सीनेशन को लेकर डरने की जरूरत नहीं है. वैक्सीन का पहला डोज हेल्थकेयर वर्कर्स को दिया जा रहा है. जिसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है. ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जब तक आम लोगों का नंबर आएगा, तब तक वैक्सीन की सेफ्टी को लेकर सभी अटकलें साफ हो जाएंगी.

इमरजेंसी के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी

डॉक्टर ने बताया कि वैक्सीन को रखने और किस तरीके से लोगों तक पहुंचाना है इसको लेकर ड्राई रन हो चुका है. इसके साथ ही वैक्सीन लगाए जाने के बाद अगर कोई सिम्टम्स या एलर्जी होती है, तो उसको लेकर भी इमरजेंसी इलाज के इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जब आम लोगों को वैक्सीन लगवाने का मौका मिले, तो वो जरूर वैक्सीन लगवाएं.

सभी तैयारियां पूरी

डॉक्टर लेले ने कहा कि भारत में दो वैक्सीन को मंजूरी दी गई है. भारत में ऑक्सफोर्ड का टीका बना रही सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है. दोनों वैक्सीन बेहतर हैं. उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन की ट्रेनिंग और इसे बनाने का काम शुरुआत से भारत में ही हुआ है. वहीं ऑक्सफर्ड की वैक्सीन बाहर से टेक्नोलॉजी के साथ बनकर तैयार हुई है.

डॉक्टर लेले ने बताया-

जिस व्यक्ति की अवेलेबिलिटी होगी, वही वैक्सीन लोगों को लगाई जाएगी. जिस वैक्सीन का पहला डोज़ लोगों तक पहुंचेगा, उसी वैक्सीन का दूसरा डोज़ लेना अनिवार्य होगा.

'पोलियो वैक्सीन लॉन्च के दौरान उड़ी थी अफवाहें'

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ डॉक्टर रमेश दत्ता ने कहा कि कई महीनों की मेहनत के बाद संस्थानों ने वैक्सीन बनाकर तैयार की है. अब देश में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है. ऐसे में वैक्सीन को लेकर कई लोग राजनीति भी कर रहे हैं, जो गलत है.

डॉक्टर रमेश दत्ता ने कहा-

जब पोलियो की वैक्सीन लॉन्च की गई थी, तब भी इस तरीके की अफवाहें फैलाई गई थी. हर वैक्सीन के बाद कुछ मामूली-सा साइड इफेक्ट होता है. इसलिए लोग आधी-अधूरी जानकारी या अफवाहों पर विश्वास ना करें.

नई दिल्ली: 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत होने जा रही है. कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है और अब ड्राई रन भी सफल होने के बाद आखिरकार वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगी. हालांकि ट्रायल के बाद कई तरह की खबरें सामने आई, जिससे लोग असमंजस में हैं.

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर एक्सपर्ट्स ने की बात

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट्स से बात की.

'वैक्सीन से डरें नहीं'

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जयेश लेले ने कहा कि लोगों को वैक्सीनेशन को लेकर डरने की जरूरत नहीं है. वैक्सीन का पहला डोज हेल्थकेयर वर्कर्स को दिया जा रहा है. जिसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है. ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जब तक आम लोगों का नंबर आएगा, तब तक वैक्सीन की सेफ्टी को लेकर सभी अटकलें साफ हो जाएंगी.

इमरजेंसी के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी

डॉक्टर ने बताया कि वैक्सीन को रखने और किस तरीके से लोगों तक पहुंचाना है इसको लेकर ड्राई रन हो चुका है. इसके साथ ही वैक्सीन लगाए जाने के बाद अगर कोई सिम्टम्स या एलर्जी होती है, तो उसको लेकर भी इमरजेंसी इलाज के इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जब आम लोगों को वैक्सीन लगवाने का मौका मिले, तो वो जरूर वैक्सीन लगवाएं.

सभी तैयारियां पूरी

डॉक्टर लेले ने कहा कि भारत में दो वैक्सीन को मंजूरी दी गई है. भारत में ऑक्सफोर्ड का टीका बना रही सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है. दोनों वैक्सीन बेहतर हैं. उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन की ट्रेनिंग और इसे बनाने का काम शुरुआत से भारत में ही हुआ है. वहीं ऑक्सफर्ड की वैक्सीन बाहर से टेक्नोलॉजी के साथ बनकर तैयार हुई है.

डॉक्टर लेले ने बताया-

जिस व्यक्ति की अवेलेबिलिटी होगी, वही वैक्सीन लोगों को लगाई जाएगी. जिस वैक्सीन का पहला डोज़ लोगों तक पहुंचेगा, उसी वैक्सीन का दूसरा डोज़ लेना अनिवार्य होगा.

'पोलियो वैक्सीन लॉन्च के दौरान उड़ी थी अफवाहें'

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ डॉक्टर रमेश दत्ता ने कहा कि कई महीनों की मेहनत के बाद संस्थानों ने वैक्सीन बनाकर तैयार की है. अब देश में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है. ऐसे में वैक्सीन को लेकर कई लोग राजनीति भी कर रहे हैं, जो गलत है.

डॉक्टर रमेश दत्ता ने कहा-

जब पोलियो की वैक्सीन लॉन्च की गई थी, तब भी इस तरीके की अफवाहें फैलाई गई थी. हर वैक्सीन के बाद कुछ मामूली-सा साइड इफेक्ट होता है. इसलिए लोग आधी-अधूरी जानकारी या अफवाहों पर विश्वास ना करें.

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