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एम्स सिक्योरिटी गार्ड से मारपीट मामले में सोमनाथ भारती को 2 साल की जेल - Rouse Avenue Court dismissed Somnath Bharti appeal

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती की अपील को खारिज कर दिया है. सोमनाथ भारती को 2 साल की जेल की जेल की सजा हुई है.

Somnath Bharti appeal dismissed for assault with AIIMS security guard in delhi
एम्स सिक्योरिटी गार्ड से मारपीट मामले में सोमनाथ भारती को 2 साल की जेल
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Published : Mar 23, 2021, 5:27 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 8:44 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती की अपील को खारिज कर दिया है. पिछले 15 मार्च को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब कोर्ट ने सोमनाथ भारती को दी गई सजा को बरकरार रखते हुए 2 साल की जेल दे दी है.

एम्स सिक्योरिटी गार्ड से मारपीट मामले में सोमनाथ भारती को 2 साल की जेल

पढ़ें- गाजियाबाद: पीली पगड़ी बांधकर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान मना रहे शहीदी दिवस



मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले पर लगी थी रोक

22 जनवरी को कोर्ट ने सोमनाथ भारती को इस मामले में दोषी ठहराया था, जिस पर एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय ने पिछले 23 जनवरी को सोमनाथ भारती को सजा सुनाई थी. इसके बाद 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के दो साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये थे.


सितंबर 2016 की घटना

कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडेय को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 353, 147 और 149 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया है. घटना 9 सितंबर 2016 की है. एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को FIR दर्ज कराया था.


एम्स की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आरोप

आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब 300 समर्थकों के साथन नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे. जब एम्स के सुरक्षा अधिकारियों ने जब सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है. इस बाबत जब उनसे कागजात मांगे गए तो उन्होंने कोई कागजात नहीं दिखाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी औऱ हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आईं. FIR के मुताबिक, सोमनाथ भारती के साथ भीड़ ने बाउंड्री वाल पर लगे कंटीले तारों को हटा दिया.

पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 323,147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत चार्जशीट दाखिल किया. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ 20 नवंबर 2018 को धारा 323, 353, 147, 149 के तहत चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती की अपील को खारिज कर दिया है. पिछले 15 मार्च को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब कोर्ट ने सोमनाथ भारती को दी गई सजा को बरकरार रखते हुए 2 साल की जेल दे दी है.

एम्स सिक्योरिटी गार्ड से मारपीट मामले में सोमनाथ भारती को 2 साल की जेल

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मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले पर लगी थी रोक

22 जनवरी को कोर्ट ने सोमनाथ भारती को इस मामले में दोषी ठहराया था, जिस पर एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय ने पिछले 23 जनवरी को सोमनाथ भारती को सजा सुनाई थी. इसके बाद 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के दो साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये थे.


सितंबर 2016 की घटना

कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडेय को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 353, 147 और 149 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया है. घटना 9 सितंबर 2016 की है. एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को FIR दर्ज कराया था.


एम्स की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आरोप

आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब 300 समर्थकों के साथन नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे. जब एम्स के सुरक्षा अधिकारियों ने जब सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है. इस बाबत जब उनसे कागजात मांगे गए तो उन्होंने कोई कागजात नहीं दिखाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी औऱ हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आईं. FIR के मुताबिक, सोमनाथ भारती के साथ भीड़ ने बाउंड्री वाल पर लगे कंटीले तारों को हटा दिया.

पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 323,147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत चार्जशीट दाखिल किया. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ 20 नवंबर 2018 को धारा 323, 353, 147, 149 के तहत चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे.

Last Updated : Apr 16, 2021, 8:44 PM IST
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