ETV Bharat / state

Som Pradosh Vrat 2023: धन-धान्य, संपन्नता और वाणी में आएगा तेज, कष्टों का होगा नाश, जानें व्रत का महत्त्व

सोम प्रदोष व्रत सोमवार 17 अप्रैल को है. गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल की शाम 05:45 बजे से आरंभ होकर रात 07:20 बजे तक रहेगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 17, 2023, 6:02 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में प्रत्येक त्योहार और व्रत को महत्वपूर्ण माना गया है. हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma) के मुताबिक सोम प्रदोष व्रत सोमवार 17 अप्रैल को रखा जाएगा. सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहते हैं.

० शिव पूजा का विशेष महत्व: भगवान शिव को सोमवार अति प्रिय है. प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि प्रदोष काल में शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा बरसती है. भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं. भगवान शिव को आशुतोष बताया गया है. आशुतोष का अर्थ है कि जल्दी प्रसन्न होने वाले. सोम प्रदोष का व्रत करने से धन-धान्य, संपन्नता और वाणी में तेज प्राप्त होता है. जातक के सभी कष्टों का नाश होता है.

० गौ दान के बराबर मिलता है पुण्य: प्रदोष व्रत के दिन कथा सुनने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन सोम प्रदोष व्रत की कथा सुनने से गौ दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

० सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

प्रदोष तिथि आरंभ: 17 अप्रैल, दोपहर 03:46 बजे से शुरू होगा

प्रदोष तिथि समाप्त: 18 अप्रैल, दोपहर 01:27 बजे पर समाप्त होगा.

० प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 अप्रैल की शाम 05:45 बजे से आरंभ होकर रात 07:20 बजे तक रहेगा.

बता दें, प्रदोष व्रत करने से करने से समाज में प्रतिष्ठा, धन की प्राप्ति व मन की शांति मिलती हैं. इसके पीछे एक पौराणिक आख्यान है. एक बार चंद्रमा को तपेदिक रोग हो गया. रोग असाध्य था उनको मृत्यु तुल्य कष्ट हो रहा था. उन्होंने भगवान शिव की आराधना की. भगवान शिव ने उनको संजीवनी मंत्र से स्वस्थ किया. उस दिन सोमवार व त्रयोदशी तिथि थी. इसलिए प्रदोष व्रत को मुख्य रूप से स्वास्थ्य व संपत्ति के लिए शुभ मानते हैं. आरोग्य की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरी है कि ETV Bharat किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी.

ये भी पढ़ें: CBI Summons to CM Kejriwal: सीबीआई के सामने अरविंद केजरीवाल की पेशी आज, भगवंत मान भी होंगे साथ

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में प्रत्येक त्योहार और व्रत को महत्वपूर्ण माना गया है. हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma) के मुताबिक सोम प्रदोष व्रत सोमवार 17 अप्रैल को रखा जाएगा. सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहते हैं.

० शिव पूजा का विशेष महत्व: भगवान शिव को सोमवार अति प्रिय है. प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि प्रदोष काल में शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा बरसती है. भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं. भगवान शिव को आशुतोष बताया गया है. आशुतोष का अर्थ है कि जल्दी प्रसन्न होने वाले. सोम प्रदोष का व्रत करने से धन-धान्य, संपन्नता और वाणी में तेज प्राप्त होता है. जातक के सभी कष्टों का नाश होता है.

० गौ दान के बराबर मिलता है पुण्य: प्रदोष व्रत के दिन कथा सुनने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन सोम प्रदोष व्रत की कथा सुनने से गौ दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

० सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

प्रदोष तिथि आरंभ: 17 अप्रैल, दोपहर 03:46 बजे से शुरू होगा

प्रदोष तिथि समाप्त: 18 अप्रैल, दोपहर 01:27 बजे पर समाप्त होगा.

० प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 अप्रैल की शाम 05:45 बजे से आरंभ होकर रात 07:20 बजे तक रहेगा.

बता दें, प्रदोष व्रत करने से करने से समाज में प्रतिष्ठा, धन की प्राप्ति व मन की शांति मिलती हैं. इसके पीछे एक पौराणिक आख्यान है. एक बार चंद्रमा को तपेदिक रोग हो गया. रोग असाध्य था उनको मृत्यु तुल्य कष्ट हो रहा था. उन्होंने भगवान शिव की आराधना की. भगवान शिव ने उनको संजीवनी मंत्र से स्वस्थ किया. उस दिन सोमवार व त्रयोदशी तिथि थी. इसलिए प्रदोष व्रत को मुख्य रूप से स्वास्थ्य व संपत्ति के लिए शुभ मानते हैं. आरोग्य की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरी है कि ETV Bharat किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी.

ये भी पढ़ें: CBI Summons to CM Kejriwal: सीबीआई के सामने अरविंद केजरीवाल की पेशी आज, भगवंत मान भी होंगे साथ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.