नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार दिल्ली में मेट्रो व डीटीसी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा कराने की योजना बना रही है. इस बाबत इसकी संभावना तलाशने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विभागों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस योजना के लागू होने से पहले ही बयानबाजी तेज हो गई है.
बीजेपी कर रही है राजनीति
मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री ने महिला सुरक्षा व महिला सशक्तिकरण के लिए मेट्रो और डीटीसी की बसों में महिलाओं के लिए फ्री राइड की योजना बताई. मगर इसके बाद बीजेपी नेता इस पर भी राजनीति करने से नहीं चूक रहे.
बीजेपी करे अपना स्टेंड क्लीयर
सिसोदिया बोले दिल्ली सरकार महिला सुरक्षा के लिए ऐसा करने जा रही है तो इसमें बीजेपी के नेताओं को भला क्यों आपत्ति हो रही है. बीजेपी इसके लिए कुतर्क कर रही है. महिलाओं को मुफ्त यात्रा मिले तो इसमें बीजेपी को क्या परेशानी है. सिसोदिया ने बीजेपी से सवाल भी पूछा कि वह अपना स्टैंड क्लियर करें. वह महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं या नहीं. 24 घंटे में इस योजना को लेकर के आम लोगों से प्राप्त सुझाव के बारे में भी सिसोदिया ने कहा कि काफी लोगों ने सकारात्मक सुझाव दिए हैं.
'केजरीवाल का चुनावी स्टंट'
मेट्रो और बस में महिलाओं की फ्री राइड की योजना के बारे में सोमवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा था कि यह केजरीवाल का चुनावी भाषण है. जब वह महिलाओं के लिए फ्री राइड दे सकते हैं, तो भला पुरुषों से क्या दुश्मनी है. केजरीवाल ऐसे दिल्ली को समृद्ध बनाएंगे. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने भी इसे केजरीवाल का चुनावी स्टंट बताया था.
जनता से मांगा फीडबैक
बता दें कि केजरीवाल सरकार मेट्रो और डीटीसी बसों में कामकाजी महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा पर विचार कर रही है. इसके लिए मेट्रो और परिवहन विभाग को एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.
उस रिपोर्ट के अलावा आम लोगों से भी फीडबैक मांगे गए हैं. प्राप्त रिपोर्ट और सुझाव के बाद एक कैबिनेट नोट तैयार किया जाएगा फिर इस योजना को लेकर के सरकार कैबिनेट में चर्चा करेगी और उसके बाद इसे विधानसभा में पास कराया जाएगा. इस प्रक्रिया में कम से कम 2-3 महीने का समय लगेगा.