नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद भी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा. कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता या सदस्य यहां मौजूद नहीं था. कांग्रेस कार्यालय का शटर तो खुला था, लेकिन कार्यालय में कोई भी कार्यकर्ता नहीं था.
मतगणना के पहले चरण से ही दिल्ली की सातों सीटों पर बीजेपी की बढ़त बनती गई. इस वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता या तो घरों में लगातार रिजल्ट देखने में लगे रहे या फिर मतगणना कार्य में चले गये.
बढ़ा कांग्रेस का वोट शेयर
2019 के दिल्ली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी उम्मीद शीला दीक्षित थीं, लेकिन उन्हें भी मनोज तिवारी ने करारी शिकस्त दी. इस बार के चुनाव में दिल्ली कांग्रेस के लिए राहत की खबर ये रही कि कांग्रेस का जो वोट शेयर है वो बढ़कर 20 प्रतिशत से ऊपर चला गया है. वहीं आम आदमी पार्टी का वोट शेयर इस बार के लोकसभा चुनाव में घटकर सिर्फ 18 प्रतिशत रह गया है.
AAP की जमानत हुई जब्त
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेताओं की जहां दिल्ली के लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हो गई, वहीं आप का वोट बैंक इस बार कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी की झोली में जाता हुआ नजर आया. दिल्ली की 48 विधानसभाओं में आम आदमी पार्टी को वो समर्थन नहीं मिला जो मिलना चाहिए था.
यहां आम आदमी पार्टी से ज्यादा कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को समर्थन मिला. वहीं जो मुस्लिम वोटर थे उन्होंने भी कहीं ना कहीं अपना मत आखिरी समय में बदला और वो कांग्रेस और बीजेपी की तरफ चले गए.